बिजनौर सदर तहसील में मुरादाबाद एंटी करप्शन टीम ने एक लेखपाल को 5,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। इस कार्रवाई से तहसील परिसर में हड़कंप मच गया। टीम लेखपाल को पकड़कर शहर कोतवाली ले गई, जहां मामले की जांच जारी है। मामला बिजनौर सदर तहसील से संबंधित है। फतेहपुर खतापुर में तैनात लेखपाल रविंद्र कुमार पर धर्मेंद्र नामक व्यक्ति से एक रजिस्ट्री में नाम संशोधन के लिए रिश्वत मांगने का आरोप है। शिकायतकर्ता धर्मेंद्र हीमपुर दीपा के ननू पूरा निवासी जगपाल के पुत्र हैं। धर्मेंद्र ने इस संबंध में मुरादाबाद एंटी करप्शन टीम से शिकायत की थी। शिकायत के आधार पर टीम ने मंगलवार सुबह लेखपाल को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। एंटी करप्शन टीम के सदस्य पहले जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और वहां से दो कर्मचारियों को साथ लेकर सदर तहसील गए। टीम ने तहसील के कमरा नंबर 24 से लेखपाल रविंद्र कुमार को 5,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। लेखपाल ने अपनी गिरफ्तारी का विरोध किया, लेकिन टीम उसे शहर कोतवाली ले गई। रविंद्र कुमार मूल रूप से बागपत का निवासी है। मुरादाबाद से आई एंटी करप्शन टीम में इंचार्ज कृष्ण अवतार, नवल मरवा, मोहम्मद इश्तियाक और विजय कुमार सहित अन्य सदस्य शामिल थे। गिरफ्तारी के बाद लेखपाल रविंद्र कुमार ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने दावा किया कि किसान उनसे एक बैनामे में संशोधन के लिए वकील से बात करने को कह रहा था और यह पैसा वकील को ही दिया जाना था, उनका इससे कोई संबंध नहीं है। जिलाधिकारी द्वारा नियुक्त कलेक्ट्रेट कर्मचारी उस्मान ने बताया कि जिलाधिकारी ने उन्हें सुबह बुलाया था और एंटी करप्शन टीम के साथ जाने का निर्देश दिया था। उन्होंने पुष्टि की कि टीम ने एक लेखपाल को गिरफ्तार किया है।
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