बिजनौर में उप कृषि निदेशक डॉ. घनश्याम वर्मा ने बताया कि विकास खंड नजीबाबाद, जलीलपुर और हल्दौर में रबी गोष्ठी एवं किसान पाठशाला का आयोजन किया गया। इन आयोजनों में कुल 635 किसानों ने भाग लिया। नजीबाबाद के रावलगढ़ में 250, जलीलपुर के किसान कल्याण केंद्र में 175 और हल्दौर के किसान कल्याण केंद्र में 210 किसानों ने शिरकत की। डॉ. घनश्याम वर्मा ने रबी गोष्ठी में दलहन और तिलहन की नई प्रजातियों तथा उनके उत्पादन की प्रभावी तकनीकों पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने प्राकृतिक खेती, हरी खाद के महत्व, रबी फसलों में खरपतवार नियंत्रण और कृषि रक्षा के उपायों पर भी प्रकाश डाला। उप कृषि निदेशक ने कृषि में ड्रोन के प्रयोग, फार्मर रजिस्ट्री की उपयोगिता, मृदा नमूना लेने की विधि और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के तरीकों के बारे में भी बताया। किसानों को बीजामृत, जीवामृत, घनजीवामृत, दसपर्णी अर्क, अग्नेयास्त्र, ब्रह्मास्त्र और गीमारत्र जैसे प्राकृतिक खेती के उत्पादों को तैयार करने और उनके उपयोग की विधि सिखाई गई। जिला कृषि अधिकारी ने किसानों को विभागीय योजनाओं और उन पर मिलने वाले अनुदान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मृदा में जीवांश कार्बन बढ़ाने के लिए वर्मीकम्पोस्ट, हरी खाद और जैव उर्वरकों के प्रयोग की सलाह दी, साथ ही फसल अवशेषों को खाद के रूप में उपयोग करने पर जोर दिया। अधिकारियों ने किसानों से आग्रह किया कि वे गोष्ठी में प्राप्त तकनीकी जानकारी को उन किसानों तक भी पहुंचाएं जो इसमें शामिल नहीं हो सके। इसका उद्देश्य अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करना और कृषि विकास को बढ़ावा देना है। जिसमें विकास खण्ड नजीबाबाद में विक्रम सिंह सदस्य क्षेत्र पंचायत, विकास खण्ड जलीलपुर, कपिल कुमार प्रतिनिधि ब्लाक प्रमुख एवं विकास खण्ड हल्दौर में विजेन्द्र सिंह ब्लाक प्रमुख, जसवीर सिंह तेवतिया जिला कृषि अधिकारी बिजनौर, मुकेश राठी गन्ना समिति सचिव, डा० अनुराग सिंह पशुचिकित्साधिकारी हल्दौर, सुनील कुमार शर्मा ज्येष्ठ गन्ना निरीक्षक एवं कृषि विभाग के तकनीकी कर्मचारी उपस्थित रहे।
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