बिजनौर में मंडावर क्षेत्र में लगभग आठ साल पहले पत्नी और उसके दो मासूम बच्चों को जहर देकर हत्या करने के मामले में बिजनौर की एफटीसी प्रथम कोर्ट ने पति अशोक को दोषी करार दिया है। अपर सत्र न्यायाधीश अशोक भारतेंदु ने दोषी अशोक को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने उस पर डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। यह घटना 15 फरवरी 2017 को हुई थी। मृतका शशि के पिता अतर सिंह ने मंडावर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी शशि की शादी मंडावर के शहजादपुर गांव निवासी अशोक पुत्र कन्हैया से हुई थी। अशोक और शशि के दो मासूम बच्चे आयुष और अभिषेक थे, जिनकी हत्या की गई। अतर सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि शादी के बाद से ही आरोपी अशोक और उसके परिजन प्रकाश, कृष्णा उर्फ गोलू और प्रकाशो दहेज को लेकर शशि को परेशान करते थे और उसके साथ मारपीट करते थे। आरोपी के परिजन अशोक की दूसरी शादी कराने की बात भी करते थे। मृतक के पिता ने आरोपियों से गुहार लगाई थी, लेकिन वे नहीं माने। 15 फरवरी 2017 को शशि और उसके दोनों मासूम बच्चों आयुष और अभिषेक को जहर देकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस ने जांच के दौरान मृतका शशि और उसके बच्चों का पोस्टमार्टम कराया, जिसमें जहर से मृत्यु की पुष्टि हुई। पुलिस ने शशि के पति अशोक कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अन्य आरोपियों की नामजदगी गलत पाए जाने पर उन्हें विवेचना से अलग कर दिया गया और केवल अशोक के खिलाफ गंभीर धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया गया। मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने अदालत में नौ गवाहों के बयान दर्ज कराए। अदालत ने सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अशोक को दोषी पाया और मंगलवार को उसे 10 वर्ष के सश्रम कारावास और डेढ़ लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।
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