बिजनौर अपर जिला एवं सत्र न्यायालय एवं फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम ने दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी ओमकार को सात वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दहेज उत्पीड़न के आरोप में पीड़िता के पति निरंकार और ननद अनीता सहित चार अन्य को भी दोषी ठहराया है। न्यायाधीश अशोक भारतेंदु ने ओमकार को महिला के साथ दुष्कर्म का दोषी पाया। उसे सात वर्ष के कठोर कारावास और छह हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है। दहेज उत्पीड़न के मामले में, कोर्ट ने पीड़िता के पति निरंकार और ननद अनीता को एक-एक माह की कैद और 200-200 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। इस मामले में कुल चार लोगों को दोषी माना गया था। एडीजीसी मुकुल कुमार सिंह के अनुसार, पीड़िता ने कोर्ट के आदेश पर दर्ज कराई गई रिपोर्ट में बताया था कि उसकी शादी घटना से दो साल पहले निरंकार से हुई थी। शादी के बाद से ही पति निरंकार, जेठ ओमकार, ननद अनीता, कार्मेंद्र और सर्वेंद्र दहेज में मिले सामान से असंतुष्ट थे और लगातार दहेज की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित करते थे। पीड़िता ने आरोप लगाया कि एक दिन जेठ ओमकार ने उसे अकेला पाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में कोर्ट के आदेश पर पति निरंकार, जेठ ओमकार, अनीता, सर्वेंद्र और कार्मेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। न्यायाधीश अशोक भारतेंदु ने सभी आरोपियों को दोषी पाते हुए यह सजा सुनाई है।
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