प्रयागराज के धूमनगंज में ठगी, धमकी, जबरन समझौता और जातिसूचक गालियों का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़ित संतोष कुमार वर्मा ने पुलिस आयुक्त, प्रयागराज को शिकायती प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि वर्षों की पहचान का फायदा उठाकर उससे करीब 15 लाख रुपये हड़प लिए गए, जबकि शिकायत करने पर पुलिस स्तर पर ही उसे डराया-धमकाया गया।
व्यवसाय में निवेश के नाम पर 15 लाख रुपये लिए
पीड़ित के अनुसार वह प्रीतमनगर का निवासी है और वर्ष 2015-16 से पड़ोसी संजय कुमार अग्रवाल व उसके पुत्र आयुष अग्रवाल से परिचय था। नवंबर 2023 में संजय अग्रवाल ने अपने बर्तन व गिफ्ट सेंटर के व्यवसाय के विस्तार के नाम पर 15 लाख रुपये की तत्काल जरूरत बताई। भरोसे में लेकर पीड़ित से विभिन्न तिथियों में चेक के माध्यम से रकम ली गई।
नकद और चेक के जरिए दी गई रकम
पीड़ित का आरोप है कि जनवरी 2023 से जनवरी 2024 के बीच कई चेकों से रकम दी गई, जबकि 30 नवंबर 2024 को 7 लाख 65 हजार रुपये नगद भी दिए गए। इसके अतिरिक्त 5 लाख रुपये और लिए गए, जिसके बदले में संजय अग्रवाल ने प्रतिभूति के तौर पर 5 चेक दिए।
प्लॉट रजिस्ट्री का झांसा
पीड़ित का कहना है कि रकम लौटाने के बजाय संजय अग्रवाल ने एयरपोर्ट के पास 200 वर्ग गज का प्लॉट रजिस्ट्री करने का आश्वासन दिया, लेकिन न तो पैसे लौटाए गए और न ही प्लॉट की रजिस्ट्री कराई गई।
थाने में जबरन समझौते का आरोप
पीड़ित ने आरोप लगाया कि जब उसने धूमनगंज थाने में शिकायत की तो तत्कालीन इंस्पेक्टर ने उसे जातिसूचक गालियां देकर भगा दिया। बाद में नए थानाध्यक्ष के सामने बुलाकर उसके 5 लाख रुपये के चेक छीन लिए गए और जबरन समझौते पर हस्ताक्षर कराए गए। इस दौरान इंस्पेक्टर और गनर पर धमकी देने व अपमानित करने का आरोप भी लगाया गया है।
सड़क पर हमला और महिला से अभद्रता
पीड़ित के अनुसार 22 मार्च 2025 को वह अपनी पत्नी के साथ दोपहिया वाहन से जा रहा था, तभी संजय अग्रवाल और उसके बेटे ने जानबूझकर कार से कट मारा, जिससे दोनों गिर पड़े। विरोध करने पर पत्नी के साथ अश्लील व्यवहार किया गया और दोनों को जातिसूचक गालियां दी गईं। साथ ही जान से मारने की धमकी भी दी गई।
थाना पुलिस कार्रवाई के नाम पर टरकाती रही
पीड़ित का आरोप है कि घटना की सूचना थाना और एसीपी को दी गई, लेकिन अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। इसके बाद उसने पुलिस आयुक्त से शिकायत की और तब जाकर जांच के बाद एफआईआर दर्ज हुई।
मानवाधिकार आयोग को भेजी गई शिकायत
पीड़ित ने अपनी शिकायत की प्रतिलिपि पुलिस महानिदेशक, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी भेजी है। उसने आरोपियों के खिलाफ सुकार्रवाई की मांग की है।
https://ift.tt/WgLCzvB
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply