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बाल विवाह के खिलाफ छात्राओं को किया जागरूक:हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी देकर भविष्य बचाने की अपील

जिला प्रोबेशन अधिकारी के नेतृत्व में हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमेन टीम द्वारा आलिया गर्ल्स इंटर कॉलेज, मऊ में ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ के 100 दिवसीय विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को बाल विवाह से होने वाली समस्याओं के बारे में शिक्षित करना था। टीम ने बताया कि बाल विवाह एक गैर कानूनी कार्य है, जिसके लिए सरकार ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 का प्रावधान किया है। इस अधिनियम के तहत बाल विवाह करने और कराने वाले सभी लोगों के लिए सजा का प्रावधान है। कानून के अनुसार, विवाह के लिए लड़की की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और लड़के की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए। बालिकाओं को यह भी बताया गया कि यदि उनके आसपास किसी लड़के या लड़की का बाल विवाह हो रहा हो, तो वे 1098, 1090, या 181 पर कॉल करके सूचित कर सकती हैं। सूचना देने वाले का परिचय गोपनीय रखा जाएगा, बशर्ते सूचना सही हो। टीम ने छात्राओं से अपील की कि उनके एक छोटे से प्रयास से किसी बालिका का भविष्य अंधकारमय होने से बच सकता है। कार्यक्रम के दौरान छात्राओं को ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ की शपथ भी दिलाई गई। इस जागरूकता कार्यक्रम में महिला कल्याण विभाग से हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमेन टीम की डिस्ट्रिक्ट मिशन कोऑर्डिनेटर अर्चना राय, जेंडर स्पेशलिस्ट तृप्ति राय, जेंडर स्पेशलिस्ट राखी राय, शाहबाज अली और कॉलेज की प्रधानाचार्या नजमा खातून सहित समस्त छात्राएं उपस्थित रहीं।


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