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बाल विवाह कानूनन अपराध, सख्त सजा का प्रावधान:बालिका के लिए 18 और बालक के लिए 21 साल शादी की उम्र

बदायूं में भारत सरकार के 100 दिवसीय विशेष ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान’ के तहत गुरुवार को भगवान परशुराम विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, नेकपुर में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देश पर महिला कल्याण विभाग द्वारा आयोजित किया गया। बाल विवाह कानूनन अपराध, सख्त सजा का प्रावधान कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि बाल विवाह एक गैरकानूनी कृत्य है, जिसे रोकने के लिए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 लागू है। चाइल्ड हेल्पलाइन काउंसलर मुन्तजिम अब्बासी ने जानकारी दी कि विवाह की न्यूनतम आयु बालिका के लिए 18 वर्ष और बालक के लिए 21 वर्ष निर्धारित है। कानून का उल्लंघन करने पर दो वर्ष तक की सजा या एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। बाल विवाह की सूचना इन नंबरों पर दें बताया गया कि यदि कहीं बाल विवाह होता दिखाई दे, तो इसकी सूचना 1098, 1090, 181 या 112 नंबर पर दी जा सकती है। सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाती है, बशर्ते सूचना सही हो। इसके साथ ही बच्चों को गुड टच-बैड टच के बारे में भी जागरूक किया गया। महिला कल्याण योजनाओं और अपराधों पर दी गई जानकारी चाइल्ड हेल्पलाइन के केस वर्कर पुरुषोत्तम शर्मा ने महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं सेवाओं की जानकारी दी। वहीं थाना सिविल लाइंस की कचहरी चौकी प्रभारी चमन गिरी ने मानव तस्करी और साइबर क्राइम से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। अधिकारी, शिक्षक व स्टाफ रहे मौजूद कार्यक्रम में जिला विकास प्राधिकरण से मनम, ईशिता कश्यप एवं नेहा ने सहभागिता की। विद्यालय की ओर से प्रधानाचार्य एन.सी. मिश्रा, बालिका विद्यालय की प्रधानाचार्या कुसुम सक्सेना सहित शिक्षक कन्हैया लाल गुप्ता, अवनेश सक्सेना, शिव दीप, संजीव दीक्षित एवं अन्य स्टाफ उपस्थित रहा।


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