मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व, उद्योग-अनुकूल नीतियों और सुदृढ़ कानून-व्यवस्था के कारण बाराबंकी जिला औद्योगिक निवेश के प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है। अब तक जिले में 21,854 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर 314 निवेशकों के साथ एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं। इन निवेश प्रस्तावों में से 7,261 करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। वहीं, 110 औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन भी प्रारंभ हो गया है। इन इकाइयों से लगभग 17,571 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है। बाराबंकी में डेयरी, फूड प्रोसेसिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, सीमेंट, डिस्टिलरी, मेडिकल, रियल एस्टेट और मैन्युफैक्चरिंग जैसे विविध क्षेत्रों में निवेश हुआ है। उत्पादन शुरू करने वाली प्रमुख इकाइयों में सीपी मिल्क प्रोडक्ट्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज (सीबीजी गैस), टाटा मोटर्स स्क्रैपिंग यूनिट, रॉकवेल कूलटेक और स्वदेश मिल्क शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, कई कोल्ड स्टोरेज, फूड प्रोसेसिंग, वायर-केबल, बेकरी और दवा निर्माण इकाइयां भी कार्यरत हैं। ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-5 (जीबीसी-5) के तहत बाराबंकी के लिए 9,000 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें से लगभग 4,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्ताव निवेश पोर्टल पर स्वीकृत हो चुके हैं। निवेश सारथी और निवेश मित्र पोर्टल के माध्यम से सभी परियोजनाओं की लगातार निगरानी की जा रही है, जिससे निवेशकों को पारदर्शी और त्वरित प्रक्रिया मिल रही है। जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने बताया कि जनपद में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए 518.92 एकड़ भूमि निवेश हेतु उपलब्ध कराई गई है। रामसनेहीघाट में प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र, हैदरगढ़ में औद्योगिक कॉरिडोर और नवाबगंज स्थित सुतमिल परिसर प्रमुख स्थानों में से हैं। जिला प्रशासन निवेशकों को सभी आवश्यक सुविधाएं और त्वरित स्वीकृतियां प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इन प्रयासों से बाराबंकी उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास में एक महत्वपूर्ण उदाहरण के रूप में सामने आ रहा है।
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