उत्तर प्रदेश के बाराबंकी की रहने वाली पूजा पाल को विज्ञान के क्षेत्र में अनूठे प्रयोगों के लिए राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। दिल्ली में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने बच्ची को यह पुरस्कार दिया है। पूजा अपनी इस उपलब्धि पर बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि मैंने किसानों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक धूल रहित थ्रेसर का मॉडल विकसित किया है। यह मॉडल फसल की मड़ाई के दौरान उड़ने वाली धूल को नियंत्रित करता है, जिससे किसानों को सांस संबंधी बीमारियों से बचाव में मदद मिलती है। पूजा का ये मॉडल नवाचार इंस्पायर अवॉर्ड के तहत पहले जिला स्तर पर चयनित हुआ। उसके बाद प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हुआ। इस मॉडल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। पूजा को जापान में एक अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला। पूजा सिरौली गौसपुर तहसील के डलई पुरवा गांव की रहने वाली हैं। वो अपने गाइड शिक्षक राजीव श्रीवास्तव के साथ दिल्ली गईं हैं। पूजा फतेहचंद जगदीश राय इंटर कॉलेज, सफदरगंज से 12वीं की पढ़ाई कर रही हैं। पिता मजदूर, मां रसोइया पूजा के पिता पुत्तीलाल मजदूरी करते हैं और उनकी माता सुनीला देवी एक सरकारी स्कूल में रसोईया हैं। सीमित संसाधनों और आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद, पूजा ने अपनी मेहनत और लगन से यह मुकाम हासिल किया है। पांच भाई-बहनों के साथ रहने वाली पूजा को जिला प्रशासन ने मिशन शक्ति का रोल मॉडल भी बनाया है। पूजा के गाइड शिक्षक राजीव श्रीवास्तव ने कहा -किसी शिक्षक के लिए यह अत्यंत सुखद क्षण है कि उसकी छात्रा इस मुकाम तक पहुंचे।
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