बागपत जिले के अहमदपुर शाहपुर पदडा गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना की दूसरी किस्त न मिलने के कारण एक विधवा महिला अपनी बेटी के साथ बेघर हो गई है। राजो नामक इस महिला को लगभग चार साल पहले योजना के तहत मकान बनाने की पात्रता मिली थी। पहली किस्त मिलने के बाद उन्होंने अपना पुराना कच्चा मकान तोड़कर नया निर्माण शुरू किया था। हालांकि, दूसरी किस्त जारी न होने के कारण मकान का निर्माण कार्य बीच में ही रुक गया। महिला ने डूडा कार्यालय में कई बार शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका। अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काटते-काटते महिला और उसकी बेटी थक चुकी हैं, और अब उन्हें रहने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के जिला प्रवक्ता चौधरी हिम्मत सिंह ने इस मामले पर संज्ञान लिया है। उन्होंने बताया कि संगठन ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। भाकियू ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे संबंधित महिला के साथ मिलकर डूडा कार्यालय, बागपत में धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। स्थानीय लोग भी महिला की इस परेशानी से चिंतित हैं और प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप की उम्मीद कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सुरक्षित आवास प्रदान करना है, लेकिन ऐसी देरी योजनाओं की प्रभावशीलता पर प्रश्नचिह्न लगाती है। भाकियू के संभावित आंदोलन और महिला के बेघर होने की घटना से प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बढ़ गया है। ग्रामीण और सामाजिक संगठन इस पूरे मामले पर बारीकी से नजर रख रहे हैं, और उम्मीद जताई जा रही है कि महिला को जल्द ही उसका मकान और सुरक्षा मिल पाएगी।
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