बागपत जिले के शंकल्पुत्थी क्षेत्र में बालश्रम की शिकायत मिलने के बाद एक संयुक्त टीम ने कार्रवाई की। इस अभियान के दौरान तीन नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू किया गया। चाइल्ड हेल्पलाइन (CHL) को बच्चों से अवैध रूप से श्रम कराए जाने की सूचना मिली थी। शिकायत मिलते ही CHL टीम तुरंत सक्रिय हुई और संबंधित विभागों को जानकारी दी। इसके बाद चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग (AHT) यूनिट और स्थानीय श्रम प्रवर्तन अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। टीम ने सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ कार्रवाई करते हुए तीनों नाबालिग बच्चों को तत्काल सुरक्षित निकाला। रेस्क्यू किए गए बच्चों को सुरक्षित वाहन में बैठाकर मेडिकल जांच और प्राथमिक काउंसलिंग के लिए चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के समक्ष प्रस्तुत किया गया। बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और मानसिक स्थिति का आकलन करने के बाद CWC ने उन्हें बाल गृह बालक, मेरठ भेजने का निर्देश दिया। यह निर्णय उनके बेहतर संरक्षण और पुनर्वास के लिए लिया गया। CWC के आदेश के बाद बच्चों को उचित देखरेख में सुरक्षित रूप से बाल गृह पहुंचाया गया। यहां उन्हें शिक्षा, भोजन, परामर्श और अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि वे सामान्य जीवन जी सकें। अधिकारियों ने बताया कि यह पूरी कार्रवाई राज्य सरकार की नीति, किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम (जेजे एक्ट) और बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम के निर्देशों के तहत की गई है। विभाग बालश्रम को जड़ से खत्म करने और बच्चों को सुरक्षित बचपन देने के लिए लगातार निगरानी रख रहा है। CHL टीम ने स्पष्ट किया कि बच्चों से श्रम कराने की किसी भी सूचना पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। टीम ने आमजन से अपील की है कि यदि कहीं भी कोई बच्चा मजदूरी करता दिखाई दे, तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर सूचना दें। अधिकारियों ने आश्वस्त किया कि बालश्रम के खिलाफ यह अभियान आगे भी कड़ी सतर्कता के साथ जारी रहेगा।
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