बागपत कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी अस्मिता लाल की अध्यक्षता में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत संचालित कार्यों की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। डीएम ने स्पष्ट किया कि गाँवों में स्वच्छता व्यवस्था में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि सफाई न होने पर सीधे जिम्मेदारी तय होगी और संबंधित पर प्रशासनिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। बैठक की शुरुआत में जिलाधिकारी ने अलग-अलग ब्लॉकों की स्वच्छता रिपोर्ट मांगी। कई पंचायतों में सफाई कर्मियों की अनियमित तैनाती, कूड़ा उठान में देरी और सामुदायिक शौचालयों की खराब स्थिति की शिकायतें सामने आईं, जिस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की। डीएम ने ग्राम प्रधानों और पंचायत सचिवों को अपनी जिम्मेदारियां ईमानदारी से निभाने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि दैनिक सफाई, कचरा संग्रहण, नालियों की सफाई और कचरा निस्तारण प्रत्येक ग्राम पंचायत में नियमित रूप से सुनिश्चित किया जाए। डीएम ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन अब केवल शौचालय निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर विशेष ध्यान केंद्रित है। उन्होंने कचरा संग्रहण केंद्र, कम्पोस्टिंग यूनिट, प्लास्टिक कचरे के पृथक्करण और निस्तारण की व्यवस्था तत्काल सुधारने के आदेश दिए। सामुदायिक शौचालयों की खराब स्थिति पर नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी ने दो सप्ताह के भीतर सभी शौचालयों की मरम्मत और सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने जोर दिया कि स्वच्छता केवल प्रशासनिक कार्यवाही से नहीं, बल्कि जन-जागरूकता से संभव है। इसके लिए पंचायतों को स्कूल, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और स्वयं सहायता समूहों को जोड़कर व्यापक IEC (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियां चलानी होंगी। बैठक में परियोजना निदेशक राहुल वर्मा, डिप्टी कलेक्टर मनीष यादव सहित बीडीओ और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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