बागपत किसान सम्मेलन में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने किसानों को संबोधित किया। उन्होंने मंच से रासायनिक खेती छोड़ने और प्राकृतिक खेती अपनाने का आह्वान किया। राज्यपाल ने रासायनिक खेती को प्रदूषण का मुख्य कारण बताया। आचार्य देवव्रत ने कहा कि हवा में बढ़ते ज़हर का एक बड़ा कारण रासायनिक खेती है। उन्होंने समझाया कि खेतों में यूरिया डालने पर उसका नाइट्रोजन, हवा में मौजूद ऑक्सीजन से मिलकर नाइट्रस ऑक्साइड गैस बनाता है। यह नाइट्रस ऑक्साइड कार्बन डाइऑक्साइड से 312 गुना अधिक खतरनाक है। राज्यपाल ने चेतावनी दी कि प्रतिदिन खेतों में डाला जाने वाला हजारों टन यूरिया ज़हर बनकर हवा में घुल रहा है, जो मानव जीवन के लिए घातक है। राज्यपाल ने स्वास्थ्य पर रासायनिक खेती के प्रभावों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 40 साल पहले कैंसर, हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियाँ इतनी प्रचलित नहीं थीं, लेकिन रासायनिक खेती ने धरती और भोजन दोनों को ज़हरीला बना दिया है।
उन्होंने सवाल उठाया कि जब खेतों में ज़हर के कारण कीड़े-मकोड़े और साँप तक नहीं बचते, तो इंसान कब तक सुरक्षित रहेगा? राज्यपाल ने किसानों की इस चिंता को भी दूर किया कि रासायनिक खेती छोड़ने से उत्पादन घट जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया, ‘प्राकृतिक खेती अपनाइए, उत्पादन घटेगा नहीं, बल्कि बढ़ेगा। मैं इसकी गारंटी देता हूँ।’ आचार्य देवव्रत ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे स्वयं 180 एकड़ भूमि पर प्राकृतिक खेती करते हैं। उन्होंने कहा कि लाखों किसान अब रासायनिक खेती छोड़कर प्राकृतिक खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं। इससे धरती का कार्बन कंटेंट भी सुधर रहा है, जो पर्यावरण के लिए लाभदायक है।
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