उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के ओरन कस्बे में वन विभाग की टीम ने 20 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद एक मगरमच्छ को पकड़ा है। अतर्रा रोड स्थित एक पोखर से सकुशल रेस्क्यू किए जाने के बाद स्थानीय लोगों ने राहत महसूस की। यह मामला बबेरू क्षेत्रीय वन अधिकारी कार्यालय के अंतर्गत आता है। मगरमच्छ को सबसे पहले 2 नवंबर, सोमवार को ओरन कस्बे के तिलहर माता मंदिर स्थित तालाब में देखा गया था। इसकी लंबाई करीब 6 से 7 फुट बताई गई थी, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने ओरन चौकी पुलिस और वन विभाग को सूचना दी। सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को पकड़ने के लिए रेस्क्यू अभियान शुरू किया। हालांकि, मगरमच्छ बार-बार अपना स्थान बदलता रहा। यह कभी तिलहर माता मंदिर तालाब से अतर्रा रोड स्थित पोखर पर पहुंच जाता था, तो कभी बगल के किसी अन्य तालाब में चला जाता था। इस वजह से वन विभाग की टीम को रेस्क्यू करने में लगातार असफलता मिल रही थी। आखिरकार, शनिवार को वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया। वन विभाग के उप क्षेत्रीय वन अधिकारी संतोष कुमार ने शनिवार शाम करीब 4:30 बजे बताया कि टीम दो सप्ताह से अधिक समय से रेस्क्यू कार्य में लगी हुई थी। उन्होंने बताया कि मगरमच्छ कई स्थानों पर घूमता रहा, जिसमें तिलहर देवी मंदिर तालाब, चतुराई तालाब और अतर्रा रोड पोखर शामिल हैं। अंततः इसे अतर्रा रोड स्थित पोखर से पकड़ा गया। रेस्क्यू करने वाली टीम में वन रेंजर अधिकारी परवेज शहजाद, वनरक्षक शुभम द्विवेदी, संदीप पाल, युवराज सिंह, जगदीश मौर्य, प्रमोद उर्फ अक्षय और राम सिंह जैसे सदस्य शामिल थे।
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