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बांदा में पुलिस को बाल संरक्षण, POCSO पर प्रशिक्षण:किशोर न्याय प्रणाली मजबूत करने के लिए कार्यशाला आयोजित

बांदा में किशोर न्याय एवं बाल संरक्षण विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। पुलिस उपमहानिरीक्षक चित्रकूटधाम परिक्षेत्र बांदा राजेश एस. की अध्यक्षता में महर्षि बामदेव सभागार में यह कार्यशाला संपन्न हुई। जिलाधिकारी बांदा जे. रीभा और पुलिस अधीक्षक बांदा पलाश बंसल भी इसमें उपस्थित रहे। कार्यशाला में बांदा परिक्षेत्र के विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। इनमें अपर पुलिस अधीक्षक नोडल अधिकारी (WCSO), बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य, जिला प्रोबेशन अधिकारी, संरक्षण अधिकारी, जिला बाल कल्याण अधिकारी, विधि सह परिवीक्षा अधिकारी, प्रभारी चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, वन स्टॉप सेंटर के केंद्र प्रशासक, प्रभारी विशेष किशोर पुलिस इकाई, प्रभारी थाना AHT, सभी थानों के बाल कल्याण पुलिस अधिकारी और मिशन शक्ति केंद्र प्रभारी शामिल थे। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य किशोर न्याय प्रणाली को मजबूत करना था। साथ ही, बाल संरक्षण से संबंधित कानूनी प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करना और संबंधित विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाना भी इसके लक्ष्यों में शामिल था। चर्चा के दौरान किशोर न्याय और बाल संरक्षण से जुड़े मामलों में पुलिस की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को मानवीय, संवेदनशील और विधि-सम्मत कार्यवाही सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। उन्हें किशोर न्याय अधिनियम के तहत निर्धारित प्रक्रियाओं का अक्षरशः पालन करने और अंतर-विभागीय समन्वय को मजबूत करने के निर्देश दिए गए। कार्यशाला में किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम-2015 के महत्वपूर्ण प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा हुई। इसमें विधि के साथ संघर्षरत बालकों और देखरेख व संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों से संबंधित पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। विवेचकों की भूमिका, बालकों के हित में समयबद्ध कार्यवाही और प्रक्रिया संबंधी सावधानियों के बारे में भी जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त, मिशन शक्ति केंद्र की अवधारणा और उद्देश्यों, विशेष किशोर पुलिस इकाई की बैठक की रूपरेखा तथा पॉक्सो अधिनियम-2012 के महत्वपूर्ण प्रावधानों के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। गुमशुदा बच्चों के मामलों में सूचना पंजीकरण, विवेचना और बरामदगी से संबंधित मानक संचालन प्रक्रियाओं पर भी चर्चा हुई। ऐसे प्रकरणों में त्वरित और प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।


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