बांदा जिले की बबेरू तहसील के चरकाखादर गांव में खंड संख्या-08 में बालू/मोरम के अवैध खनन की शिकायतें सामने आई थीं। समाजवादी पार्टी मीडिया सेल और वायरल वीडियो के माध्यम से आरोप लगाए गए थे कि खनन क्षेत्र से बाहर और जलधारा में पोकलैंड मशीनों से अवैध खनन किया जा रहा है। इन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए, प्रशासन ने तत्काल जांच शुरू की। चरकाखादर के खंड संख्या-08 में स्थित खनन अनुज्ञा क्षेत्र की संयुक्त जांच की गई। इस दौरान निर्धारित जियोकॉर्डिनेट्स के अनुसार तैयार की गई KML फाइल, गाटा संख्या और क्षेत्रफल का मिलान किया गया। जांच में पाया गया कि अनुज्ञाधारक अपने स्वीकृत क्षेत्र के भीतर ही खनन और परिवहन कार्य कर रहा था। खनन पट्टा क्षेत्र में सीमा स्तंभ/पिलर भी अपने निर्धारित स्थान पर लगे हुए मिले। इसके अतिरिक्त, जहां खनन कार्य संचालित है, वहां से नदी की मुख्य धारा काफी दूर है और वह अपने प्राकृतिक स्वरूप में प्रवाहित हो रही है। खनन क्षेत्र के मध्य में की गई गहराई की माप लगभग 01 से 02 फीट पाई गई। इन तथ्यों के आधार पर, प्रशासन ने निष्कर्ष निकाला कि उपरोक्त शिकायतें असत्य और निराधार हैं। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि बिना किसी तथ्य और आधार के गलत खबरें प्रकाशित करने से शासन और प्रशासन की छवि धूमिल होती है। ऐसी स्थिति में, सोशल मीडिया, न्यूज चैनल, दैनिक समाचार पत्रों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से गलत खबर प्रकाशित करने वालों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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