मेरठ में हिंदू स्वाभिमान परिषद ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। परिषद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा और कहा कि कट्टरपंथी मानसिकता से भारत भी खतरे में हैं, ऐसे लोगों का इलाज करना आवश्यक है। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि बांग्लादेश में हिंदुओं की लगातार हत्याएं हो रही हैं और यूनुस सरकार इस पर मौन साधे हुए है। परिषद ने इसे ‘इस्लामिक षडयंत्र’ बताया। इसमें 19 दिसंबर को दीपू चंद्र दास की बर्बर हत्या का भी जिक्र किया गया, जिसे मानवता को शर्मसार करने वाला कृत्य बताया गया। कट्टरपंथी मानसिकता से देश को भी खतरा परिषद ने दावा किया कि यह ‘मजहबी जिहादियों’ द्वारा बांग्लादेश को हिंदू-विहीन करने की साजिश है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हिंदुओं के कत्लेआम पर सभी देश, मानवाधिकार संगठन और राजनीतिक दल चुप हैं, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि सभी ने मौन स्वीकृति दे रखी है। ज्ञापन में भारत सरकार से तत्काल बांग्लादेश के साथ सभी मैत्री संबंध समाप्त करने की मांग की गई। परिषद ने भारत से बांग्लादेश पर कार्रवाई कर उसे नक्शे से मिटाने और ‘वीरता एवं शौर्य’ का परिचय देने का भी आह्वान किया। भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग प्रदर्शन में शामिल लोगों ने भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि जिस तरह बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है, उसी तरह देश में भी विशेष वर्ग की जनसंख्या बढ़ रही है। यदि उनकी जनसंख्या पर रोक नहीं लगी, तो भारत में भी नरसंहार की संभावना बढ़ सकती है। इस अवसर पर हिंदू स्वाभिमान परिषद के मूलचंद शर्मा, राष्ट्रीय प्रभारी सुशील वर्मा, प्रदेश प्रचारक मोहित किस्की, प्रदेशाध्यक्ष अमित तोमर, जिलाध्यक्ष प्रवीण चौहान, महानगर अध्यक्ष हर्ष गुप्ता, व्यापार प्रकोष्ठ से बिजेंद्र सोम, चिकित्सा प्रकोष्ठ से डॉ. राहुल उपाध्याय, प्रदेश प्रचारक विशाल शर्मा, धर्माचार्य जिलाध्यक्ष मृदुल शास्त्री, महानगर अध्यक्ष अंकित वाजपेयी, सिवाल खास विधानसभा अध्यक्ष जॉनी चौधरी और अशोक चौहान सहित कई सदस्य उपस्थित रहे।
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