बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद भारत में आक्रोश देखा जा रहा है। एटा के जलेसर कस्बे में हिंदू संगठनों ने बांग्लादेश के प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस का पुतला फूंका। प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच हुए इस प्रदर्शन में सैकड़ों युवा मोहल्ला हथौड़ा नई बस्ती में एकत्रित हुए। उन्होंने श्रद्धांजलि पोस्टर लिए और पैदल मार्च निकाला। तोप चौराहा और मेन बाजार से होते हुए प्रदर्शनकारी जलेसर मेन चौराहे पहुंचे, जहां उन्होंने नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया। प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार से बांग्लादेश के विरुद्ध ठोस कदम उठाने और वहां के हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए हस्तक्षेप की मांग की। भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष सतेंद्र सिंह के नेतृत्व में यह पुतला दहन किया गया। दरअसल, बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास नामक एक हिंदू व्यक्ति की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और उसके शव को आग के हवाले कर दिया था। दीपू पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया था। आरोप है कि बांग्लादेश पुलिस और प्रशासन ने दीपू को पकड़कर भीड़ के हवाले कर दिया, जिसके बाद भीड़ ने लाठियों और सरियों से पीटकर उसे मार डाला। इस घटना से बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। भारतीय हिंदू संगठनों ने बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। इस दौरान भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सतेंद्र कुमार ने कहा कि बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास की हत्या वहां की कानून व्यवस्था और सरकार की मानसिकता पर सवाल उठाती है। उन्होंने भारत सरकार से बांग्लादेश की वर्तमान सरकार से बातचीत कर ठोस कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी मांग की कि भारत के हिंदुओं को बांग्लादेश जाकर जवाब देने का आदेश दिया जाए।
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