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बांग्लादेश में दलित हिंदुओं पर अत्याचार दुखद:अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग अध्यक्ष बृज लाल बोले- भारत चुप नहीं बैठेगा

उन्नाव में उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के अध्यक्ष बृज लाल उन्नाव में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में बांग्लादेश में हिंदुओं, विशेषकर दलितों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर कड़ा बयान दिया। उन्होंने इन घटनाओं को बेहद दुखद और चिंताजनक बताया, साथ ही कहा कि इन्हें किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बृज लाल ने भारत के विभाजन का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्ष 1946 में हुए संविधान सभा के चुनाव में अविभाजित भारत के लगभग 95 प्रतिशत मुस्लिम भाइयों ने पाकिस्तान के पक्ष में मतदान किया था। धर्म के आधार पर पाकिस्तान का निर्माण हुआ। उस समय बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने पंडित जवाहरलाल नेहरू से जनसंख्या के आदान-प्रदान का सुझाव दिया था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने बताया कि दलित नेता जोगेंद्र नाथ मंडल, जिन्हें जिन्ना ने पाकिस्तान का पहला कानून मंत्री बनाया था, ने यह भरोसा दिलाया था कि पाकिस्तान में दलित सुरक्षित रहेंगे। इसी कारण बड़ी संख्या में दलित समुदाय के लोग वहीं रुक गए। आयोग अध्यक्ष ने आगे कहा कि आज बांग्लादेश और पाकिस्तान में जिन हिंदुओं पर अत्याचार हो रहे हैं, उनमें अधिकांश दलित हैं। जब 8 अक्टूबर 1950 को जोगेंद्र नाथ मंडल पाकिस्तान से भारत लौट आए, तो वहां हिंदुओं के बीच भगदड़ मच गई। उस समय बड़ी संख्या में लोगों को असम, बंगाल, पीलीभीत और खीरी जैसे जिलों में बसाया गया था। बृज लाल ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वे स्वयं पीलीभीत के एसपी रह चुके हैं और उन्होंने उस दौर की पीड़ा को करीब से देखा है। बृज लाल ने राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि गाजा की घटनाओं पर तो कैंडल मार्च निकाले जाते हैं, लेकिन जब बांग्लादेश में हिंदुओं को जिंदा जला दिया जाता है या उनकी वीभत्स हत्याएं होती हैं, तब कई राजनीतिक पार्टियां चुप्पी साध लेती हैं। उन्होंने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया। आयोग अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि भारत इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठा है और उचित कार्रवाई करेगा।


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