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बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों का नरसंहार:अलीगढ़ से UP के शाही चीफ मुफ्ती ने UNO को लिखा पत्र, बोले- ‘खून बह रहा है, चुप न रहे दुनिया’

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद वहां के अल्पसंख्यकों पर जो कहर टूट रहा है, उसे लेकर अब भारत के मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी कड़ा रुख अपनाया है। उत्तर प्रदेश के शाही चीफ मुफ्ती और भारतीय समाज सेवक संगठन (BSSS) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना चौधरी इफराहीम हुसैन ने संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) के महासचिव को पत्र भेजा है। उन्होंने बांग्लादेश में तत्काल सैन्य या कूटनीतिक हस्तक्षेप की मांग की है। मौलाना इफराहीम ने दो टूक कहा है कि बांग्लादेश में मानवता का गला घोंटा जा रहा है और संयुक्त राष्ट्र तमाशबीन नहीं बना रह सकता। वीडियो फुटेज देख रूह कांप जाती है मुफ्ती इफराहीम ने अपने पत्र में लिखा कि विश्वसनीय स्रोतों और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो वहां की बर्बरता की गवाही दे रहे हैं। अल्पसंख्यकों के घरों को जलाया जा रहा है, उनकी महिलाओं और बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह केवल किसी विशेष समुदाय का दर्द नहीं है, बल्कि पूरी मानवता के माथे पर कलंक है। UNO के सामने रखी मांगें शाही चीफ मुफ्ती ने संयुक्त राष्ट्र संघ से पूछा है कि अगर मानवता की रक्षा का संकल्प है, तो बांग्लादेश पर चुप्पी क्यों? उन्होंने मांग रखी कि हिंसा प्रभावित इलाकों में तुरंत UNO के मानवाधिकार पर्यवेक्षक तैनात किए जाएं। अत्याचारों की जांच के लिए एक स्वतंत्र इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल बनाया जाए। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को चेतावनी दी जाए कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। इसके अलावा जो लोग विस्थापित हो रहे हैं, उनके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद और पुनर्वास का इंतजाम हो। सत्ता परिवर्तन के बाद बनाया जा रहा निशाना शाही चीफ मुफ्ती ने कहा कि शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद से ही बांग्लादेश के विभिन्न जिलों में अल्पसंख्यक समुदायों (हिंदू, ईसाई, बौद्ध) के घरों और व्यवसायों को निशाना बनाया गया है। कई मंदिरों और मठों में तोड़फोड़ और आगजनी की खबरें अंतरराष्ट्रीय मीडिया में प्रमुखता से आई हैं। कट्टरपंथी समूहों के डर से हजारों लोग सीमावर्ती इलाकों में शरण लेने को मजबूर हैं।


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