उन्नाव जिले के बांगरमऊ निवासी नौसैनिक हर्षित द्विवेदी भारतीय नौसेना के पुरातन युद्धपोत आईएनएसवी कौंडिन्य के 18 सदस्यीय चालक दल में शामिल होकर एक ऐतिहासिक समुद्री मिशन पर रवाना हुए हैं। यह मिशन पोरबंदर (गुजरात) से मस्क़त (ओमान) तक प्राचीन भारतीय समुद्री विरासत को साकार करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। बीते सोमवार को इस अभियान की शुरुआत हुई, जिसमें भारत में ओमान के राजदूत ईसा सालेह अल शिबानी भी उपस्थित रहे। बांगरमऊ के मोहल्ला कटरा निवासी कृष्ण मुरारी द्विवेदी के पुत्र हर्षित द्विवेदी ने अपनी प्राथमिक शिक्षा से लेकर इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई नगर के आरआरडीएस इंटर कॉलेज से पूरी की। उन्होंने वर्ष 2016 में प्रथम श्रेणी में इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद डायरेक्ट एंट्री के माध्यम से भारतीय नौसेना में चयन प्राप्त किया था। लगभग नौ वर्षों की सेवा के दौरान अपने अनुशासन और दक्षता के बल पर उन्होंने यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। बिना कील के निर्मित “स्टिच्ड-प्लैंक” तकनीक से तैयार आईएनएसवी कौंडिन्य प्राचीन भारत की नौवहन कला का प्रतीक है। इसी जहाज से चालक दल करीब 1400 किलोमीटर की समुद्री यात्रा कर रहा है। यात्रा से पूर्व हर्षित द्विवेदी ने दूरभाष पर बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य दो हजार वर्ष पुरानी भारत की समृद्ध समुद्री परंपरा को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना है। हर्षित द्विवेदी ने इस सफलता का श्रेय अपनी माता सुमन द्विवेदी, पिता कृष्ण मुरारी द्विवेदी तथा अपने गुरुजनों को दिया है। मंगलवार सुबह जैसे ही इस उपलब्धि की जानकारी नगर में पहुंची, क्षेत्र के सैकड़ों लोग उनके आवास पर पहुंचे। लोगों ने उनके माता-पिता का मुंह मीठा कराया और चालक दल की सुरक्षित व सफल यात्रा के लिए ईश्वर से कामना की।
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