बांके बिहारी मंदिर में हाई पावर्ड कमेटी के आदेश पर जगमोहन में आवाजाही प्रतिबंधित करने के खिलाफ गोस्वामी समाज की महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है। महिलाओं का कहना है कि मंदिर के जगमोहन से दर्शन करना उनका पारंपरिक अधिकार है। जगमोहन से दर्शन करने की मांग को लेकर गोस्वामी समाज की महिलाओं ने मंदिर के ऑफिस में जाकर हंगामा किया और अपनी नाराजगी जाहिर की। कमेटी ने किया है जगमोहन में जाना प्रतिबंधित ठाकुर श्री बांके बिहारी मंदिर में गर्भगृह के समीप जगमोहन से महिलाओं और पुरुषों के लिए दर्शन करने की सुविधा दशकों से उपलब्ध थी। जो ठाकुर जी के गर्भगृह से बाहर निकलने पर बंद रहते थे। लेकिन हाई पावर्ड कमेटी द्वारा जगमोहन में दोनों तरफ कटघरा लगाकर आवाजाही प्रतिबंधित कर दी थी। जिसकी बजह से वहां से कोई दर्शन नहीं कर पा रहा। मौलिक अधिकारों का हो रहा हनन हाई पावर्ड कमेटी के इस फैसले के खिलाफ शनिवार को गोस्वामी समाज की महिलाएं बड़ी संख्या में एकत्रित होकर मंदिर कार्यालय पहुंची। उनका कहना था कि गोस्वामी समाज के परिजनों और रिश्तेदारों को जगमोहन से दर्शन करने का पारंपरिक अधिकार है। अब उन्हें भीड़ में आम श्रद्धालुओं के साथ दर्शन करने पड़ते हैं। जिससे उनके मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है। उन्होंने मंदिर प्रबंधन से अपना निर्णय बदलने की मांग की है। गोस्वामी समाज की महिला करती थीं दर्शन मंदिर कार्यालय पहुंचीं नीलम गोस्वामी ने बताया कि जगमोहन में खड़े हो कर गोस्वामी समाज की महिलाएं दर्शन और आरती करती थीं। अब जनता के बीच खड़े होकर दर्शन आरती करने से उनको धक्के लगते हैं। 3 महीने से कमेटी कभी कुछ बंद कर रही कभी कुछ जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इनको बेहतर व्यवस्था करने के लिए कहा है। हम लोग इंतजार कर रहे थे चीजें बेहतर हों लेकिन अब जब कुछ नहीं होगा तो हमको निकल कर आना होगा।
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