औरैया में सदर कोतवाली क्षेत्र में करीब साढ़े तीन साल पुराने दुष्कर्म के एक मामले में न्यायालय ने फैसला सुनाया है। अपर जनपद व सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम अतीक उद्दीन ने बस हेल्पर चित्तीदार उर्फ कुंवर सिंह यादव को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चंद्रभूषण तिवारी ने बताया कि पीड़िता ने सदर कोतवाली में यह मुकदमा दर्ज कराया था। शिकायत में पीड़िता ने बताया कि यह घटना 22 मार्च 2020 को हुई थी। पीड़िता अपनी ससुराल माधौगढ़, जालौन जा रही थी। कानपुर के आगे सचेंडी में उसने सवारी बदली और बस का इंतजार कर रही थी। शाम करीब सात बजे एक प्राइवेट बस रुकी, जिसका परिचालक औरैया-अकबरपुर चिल्ला रहा था। पीड़िता औरैया जाने के लिए बस में बैठ गई। रात करीब 8:30 बजे बस औरैया पहुंची। हेल्पर चौधरी (चित्तीदार उर्फ कुंवर सिंह यादव) ने पीड़िता से कहा कि रात हो गई है, वह कहां जाएगी। उसने पीड़िता को बस में रुकने और सुबह जाने का सुझाव दिया, साथ ही खाना खिलाने का भी आश्वासन दिया। पीड़िता उसके विश्वास में आकर बस में रुक गई। रात करीब 1 बजे हेल्पर चौधरी आया और पीड़िता के साथ अश्लील हरकतें करने लगा। जब पीड़िता ने विरोध किया, तो उसने जान से मारने की धमकी देकर जबरन दुष्कर्म किया और फिर मौके से भाग गया। सुबह पीड़िता ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपी चित्तीदार उर्फ कुंवर सिंह यादव के खिलाफ मामला दर्ज कर विवेचना की और आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। यह मामला अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम अतीक उद्दीन के समक्ष चला। बुधवार को न्यायालय ने इस पर अपना निर्णय सुनाया। अभियोजन पक्ष ने महिला के साथ हुए इस गंभीर अपराध के लिए कड़ी सजा की मांग की थी, जिससे संतुष्ट होकर न्यायालय ने यह सजा सुनाई। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया कि अर्थदंड की आधी धनराशि पीड़िता को अदा की जाए। दोषी को जिला कारागार इटावा भेज दिया गया है।
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