मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर मंगलवार की भोर हुए दर्दनाक हादसे की कसक अभी खत्म नहीं हुई है। बुधवार को भी ऐसे लोग उन अपनों के लिए इधर-उधर भटकते दिखे, जिनकी अभी तक कोई जानकारी नहीं हो सकी है। मंगलवार से शुरू हुई उनकी तलाश बुधवार को भी जारी रही। कहीं से कोई सटीक जानकारी नहीं मिलने से मायूस दिखे। मंगलवार को मृतकों की संख्या 13 थी, जो बुधवार की शाम होते-होते बढ़कर 19 हो गई। इनमें 18 वह हैं, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई। 19वीं मौत उस घायल यात्री की हुई, जिसे गंभीर हालत में आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। जिन 19 यात्रियों की मौत हुई है, उनमें से अब तक सिर्फ 3 की ही पहचान हो सकी है। पोस्टमॉर्टम के बाद उनके शव को उनके परिवार के हवाले कर दिया गया। 3 ऐसे भी हैं, जिनकी मौत की पुष्टि तो हो चुकी है, लेकिन शव की पहचान नहीं हाे सकी है। बाकी के 13 मृतकों की पहचान सामने नहीं सकी है। इनकी शिनाख्त डीएनए टेस्ट से होगी। उनमें से 11 लोगों ने टेस्ट के लिए अपना ब्लड सैंपल दिया है। अपनों की तलाश में जुटे परिवार के सदस्य अनहोनी को लेकर आशंकित हैं। फिर भी ब्लड सैंपल इसी उम्मीद और भारी मन से दिया है कि कुछ तो पता चले। जिन 11 लोगों ने सैंपल दिया है, उसमें से एक 6 वर्ष का बच्चा भी है। उसका परिवार उसके पिता की तलाश में राजस्थान के धौलपुर से यहां पहुंचा था। लापता युवक के बेटे और बहन ने डीएनए टेस्ट के लिए अपना ब्लड सैंपल दिया है। अब वह डीएनए रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। रिपोर्ट आने से पहले उनके मन में कई तरह की आशंकाएं उमड़-घुमड़ रही हैं। दैनिक भास्कर ने उनसे बात की। उनकी परेशानी समझी। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले यह 3 तस्वीर देखिए… जिस बस में आग लगी, उसका हेल्पर लापता, तलाश में परिवार राजस्थान से आया मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर जिन बसों में आग लगी, उसी में से एक बस में भाेलू भी सवार था। वह उस बस में हेल्पर था। राजस्थान के धौलपुर के बाड़ी का रहने वाला भाेलू (32) कानपुर की एक ट्रैवल एजेंसी में काम करता था। वह बस सोमवार की रात कानपुर से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। रास्ते में मथुरा के पास हादसे में उसमें आग लग गई। उसके बाद से भाेलू का पता नहीं लग सका है। धौलपुर से आए भाेलू के भाई आजाद खान ने बताया कि मंगलवार की सुबह जानकारी मिली की भोलू जिस बस पर ड्यूटी के लिए सवार था, उसमें आग लग गई है। इसी जानकारी के बाद भाेलू का पूरा परिवार उसकी तलाश में मथुरा आ गया। मंगलवार की दोपहर से ही उसकी तलाश में हर उस अस्पताल का चक्कर लगाया, जहां घायलों काे भर्ती कराया गया है। भोलू कहीं नहीं मिला। आजाद खान ने बताया कि वह कभी जिला अस्पताल, कभी बलदेव थाना तो कभी पोस्टमॉर्टम हाउस के चक्कर लगा रहे हैं। कहीं से जानकारी नहीं मिल रही है। प्रशासन ने जो घायलों की लिस्ट जारी की है, उसमें भी उसका नाम नहीं है। आजाद अनहोनी की आशंका से आशंकित दिखे। DNA टेस्ट के लिए बेटे और बहन ने ब्लड सैंपल दिया भोलू की तलाश में भटक रहे परिवार को जब कहीं से कोई जानकारी नहीं मिली तो उन्होंने भारी मन से ब्लड सैंपल दिया। बहन सितारा ने अपने भाई भोलू की पहचान के लिए DNA सैंपल दिया है। डॉक्टर ने कहा कि बहन के सैंपल से काम नहीं चलेगा। तब भोलू के 6 साल के बेटे का भी ब्लड सैंपल दिया गया है। बहन सितारा ने बताया कि भोलू के 2 छोटे बच्चे हैं। हमीरपुर की लापता पार्वती के लिए बेटे ने ब्लड सैंपल दिया यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए हादसे में सबसे बड़ी समस्या उनकी है, जिनके अपने नहीं मिल रहे। अपनों की तलाश में लोग अस्पताल से लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस तक के चक्कर लगा रहे हैं। इन्हीं में से एक मिले हमीरपुर के राठ के रहने वाले गुलज़ारी लाल। गुलज़ारी लाल 45 वर्षीय भाभी पार्वती की तलाश में चक्कर काट रहे हैं। पार्वती सोमवार शाम को राठ से 2 बच्चों के साथ बस में सवार हुई थीं। बेटा को निकाला…मां फंस गईं गुलज़ारी लाल ने बताया कि हादसे के बाद भाभी पार्वती ने शीशे तोड़े और दो बच्चों को बाहर निकाला। जब पार्वती ने निकलने का प्रयास किया तो वह नहीं निकल नहीं पाईं उनके गर्दन में शीशा लग गया। जिसके बाद उनका कहीं पता नहीं चला है। वह अस्पताल से लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस तक के चक्कर लगा चुके हैं। DNA जांच के लिए पार्वती के बेटे आकाश ने ब्लड सैंपल दिया है। मजदूरी के लिए निकले अब नहीं मिल रहे भाेलू और पार्वती के परिजनों की तरह देवेंद्र के परिवार वाले भी परेशान हैं। देवेंद्र हमीरपुर के सरीला तहसील के रहने वाले थे। वह दिल्ली में मजदूरी करते थे। हादसे के बाद देवेंद्र का कुछ पता नहीं चल रहा। देवेंद्र के बाबा ने बताया कि वह तलाश कर रहे हैं, लेकिन कुछ पता नहीं चल रहा। प्रशासन ने देवेंद्र के पिता ब्रगभान का DNA सैंपल लिया है। जांच टीम एक्सप्रेसवे पहुंची हादसे के बाद DM कीओर से गठित जांच टीम कारणों की जांच के लिए एक्सप्रेस वे पहुंची। जहां ADM प्रशासन अमरेश कुमार के नेतृत्व में टीम ने घटना स्थल को देखा और उसकी फोटोग्राफी कराई। इसके बाद सबसे पहले पहुंचे ग्रामीणों से जानकारी ली। इसके अलावा रोड की बनावट देखी। इसके अलावा टीम ने यह भी जानने का प्रयास किया कि ऐसे क्या कारण बने कि वहां कोहरा अचानक आया। यहां पता चला कि यहां यमुना कर्व है। इसके अलावा एक्सप्रेस वे के साइड में नगर पंचायतों ने ढलाव घर बनाया हुआ है। रोड सेफ्टी टीम ने की जांच DM की ओर से गठित टीम के अलावा हादसे के कारणों की जांच के लिए IIRT की टीम भी पहुंची। IIRT की HOD डॉ. श्रुति के नेतृत्व में पहुंची 11 सदस्यीय टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। डॉ. श्रुति ने बताया कि यहां आए हैं इनवेस्टीगेशन कर पाएं देख पाएं समझ पाएं कि चैन रिएक्शन क्यों हुआ। एक्सीडेंट होते आए हैं एक्सप्रेसवे पर, लेकिन यहां पर चैन जलने की बात है। अभी कहना जल्दबाजी होगी। फिलहाल यहां पर फोटोग्राफी की है। स्टेटमेंट लिए हैं, कुछ डॉक्यूमेंट लिए हैं। उनको जांचेंगे उसके बाद हम अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगे,अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। है ये एक्सीडेंट ही है लेकिन अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। अब सिलसिलेवार पढ़िए पूरा हादसा मंगलवार सुबह मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर कोहरे के चलते 8 बसें और 3 कारें भिड़ गईं। टक्कर होते ही गाड़ियों में आग लग गई। भाजपा नेता समेत 13 लोगों की जलकर मौत हो गई। 70 लोग घायल हैं। मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है, क्योंकि बसों में कटे हुए अंग मिले हैं। पुलिस इन्हें 17 पॉलिथीन बैग में भरकर ले गई है। अब डीएनए टेस्ट से इनकी पहचान की जाएगी। हादसा थाना बलदेव क्षेत्र में माइलस्टोन 127 पर हुआ। पुलिस, फायर ब्रिगेड और SDRF के 50 जवानों और 9 थानों की पुलिस ने 6 घंटे में रेस्क्यू किया। हादसे के चलते एक्सप्रेस-वे पर 3 किमी लंबा जाम लग गया था। हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं। ADM प्रशासन अमरेश जांच का नेतृत्व करेंगे। मजिस्ट्रेट जांच में 2 सदस्यों को जोड़ा गया है। टक्कर के बाद राहगीर ने पुलिस को फोन कर सूचना दी। पुलिस के पहुंचने से पहले आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शी भगवान दास ने बताया कि टक्कर के बाद ऐसा लगा जैसे बम फटा हो। लोग बसों के शीशे तोड़कर बाहर कूद रहे थे। थोड़ी देर में बसें जलकर राख हो गईं। हमने बस से 8-9 लाशें निकालीं। आरोप है कि रेस्क्यू करीब एक घंटे बाद शुरू हुआ। घायलों को 11 एम्बुलेंस से मथुरा जिला अस्पताल और वृंदावन संयुक्त जिला अस्पताल भेजा गया। गंभीर घायलों को आगरा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। बसों से पुलिस ने खुरच-खुरच कर शवों को उठाया। वहीं, सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया। हादसे की जांच के लिए 4 सदस्यीय टीम बनाई गई। इन 3 के शव परिवार के हवाले किए गए -इलाहाबाद के रहने वाले भाजपा नेता अखिलेंद्र यादव अपने 3 और साथियों के साथ जौनपुर में मंत्री गिरीश यादव के यहां उनके पिताजी की मृत्यु पर हुए कार्यक्रम में शिरकत करने मंत्री सुरेश खन्ना से मिलने ब्रिजा गाड़ी से जा रहे थे। मथुरा में हुए हादसे में अखिलेंद्र की भी मौत हुई। मंगलवार देर रात इनके शव का पोस्टमार्टम करने के बाद प्रशासन ने परिवार वालों को सौंप दिया। इनके शव को परिजन और दोस्त प्रयागराज के लिए ले गए। -75 वर्षीय रामपाल बस में सवार होकर आजमगढ़ से दिल्ली जा रहे थे। रोडवेज बस में सवार रामपाल भी हादसे का शिकार हो गए। रामपाल के शव की शिनाख्त के बाद नाती इनके शव को पोस्टमार्टम कराकर दिल्ली ले गया।
-गोंडा के छवियां निवासी 64 वर्षीय सुल्तान की भी हादसे में मौत हुई है। सुल्तान की पहचान के बाद परिजन उनके शव को दिल्ली ले गए। कोहरा सामने आने पर ड्राइवर ने ब्रेक लगाया, पीछे से आ रही गाड़ियां भिड़ीं
एक्सप्रेस-वे पर घना कोहरा था। माइलस्टोन 127 पर अचानक स्लीपर बस के सामने धुंध आ गई। इसके चलते ड्राइवर ने ब्रेक मारकर स्पीड धीमी की। इसके बाद पीछे चल रही 6 बसें और 4 कारें टकरा गईं। टक्कर से एसी बस में आग लग गई। लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला।
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