बलिया के जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में गोवंश संरक्षण हेतु गठित जनपद स्तरीय अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई। इसमें जनपद के गो आश्रय स्थलों की व्यवस्थाओं, मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के अंतर्गत सुपुर्द किए गए गोवंशों के भरण-पोषण तथा डीबीटी के माध्यम से किए गए भुगतान की समीक्षा की गई। बैठक के दौरान भविष्य में संरक्षित किए जाने वाले गोवंशों की संख्या के अनुरूप गो आश्रय स्थलों पर शेड विस्तार एवं अवस्थापना निर्माण पर चर्चा हुई। गो आश्रय स्थलों व सहभागिता योजना में दिए गए गोवंशों का समय से सत्यापन एवं फंड रिक्वेस्ट भेजने पर भी बात की गई। इसके अतिरिक्त, पशु क्रूरता अधिनियम के अंतर्गत बरामद गोवंशों को संबंधित गो आश्रय स्थलों में प्रतिस्थापित करने, ठंड से बचाव के उपायों तथा गो आश्रय स्थलों के सतत निरीक्षण पर विशेष जोर दिया गया। केयरटेकरों के मानदेय भुगतान एवं पराली संग्रहण के एजेंडे की भी समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी गौशालाओं में पशुओं को ठंड से बचाने की समुचित व्यवस्था, पर्याप्त चारा, साफ-सफाई, स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता तथा पानी के टैंकरों की नियमित सफाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डीएम ने निर्देश दिए कि सभी गौशालाओं में सीसीटीवी कैमरे और कंट्रोल रूम सक्रिय रहें तथा सभी गोवंशों की जियो-टैगिंग अनिवार्य रूप से सुनिश्चित हो। साथ ही, उन्होंने सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों को संबंधित विकासखंड के बीडीओ के माध्यम से सभी गौशालाओं में वाई-फाई सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बैठक में अवगत कराया कि 26 गौशालाओं में तैनात केयरटेकरों के लिए स्थल पर ही रहने हेतु व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। इस पर जिलाधिकारी ने सभी गौशालाओं में केयरटेकरों के लिए शौचालय, बिजली एवं रहने के कमरों की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज, जिला विकास अधिकारी आनंद प्रकाश, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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