बलिया में नगर पालिका परिषद के सफाई कर्मियों की हड़ताल के बीच जिला प्रशासन द्वारा नगर पंचायत कर्मियों से सफाई कार्य शुरू कराने पर विवाद खड़ा हो गया। हड़ताली नगर पालिका कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर इस कार्य को रोक दिया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। सफाई कर्मचारी संगठन के संरक्षक शंभू नाथ रावत ने बताया कि उनकी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर 17 नवंबर से हड़ताल जारी है। उनकी मुख्य मांग है कि जलकल, सफाई विभाग, आउटसोर्सिंग और कार्यालय सहित सभी कर्मचारियों का वेतन, एरियर और बोनस का भुगतान किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक यह राशि सीधे उनके खातों में नहीं आ जाती, तब तक हड़ताल समाप्त नहीं की जाएगी। रावत ने अधिशासी अधिकारी (ईओ) के वादों पर भरोसा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि आज नगर पंचायत के जो कर्मी सफाई के लिए आए थे, उन्हें स्थिति समझाई गई और वे संगठन के सहयोग में हैं। रावत ने चेतावनी दी कि यदि जल्द समझौता नहीं होता है, तो कल से तीव्र हड़ताल और आंदोलन शुरू किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी नगर पालिका प्रशासन की होगी।
तस्वीरों में देखिए हड़ताल और फैला कूड़ा… संगठन ने अधिशासी अधिकारी पर अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर बाहर से सफाईकर्मी बुलाने और मनमानी करने का आरोप लगाया। रावत ने कहा कि बलिया में उनकी मनमानी नहीं चलने दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में पैसे के अभाव में दो सफाई कर्मचारियों की मौत हो गई, जिसकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। चेयरमैन का पावर सीज होने के कारण उनकी लड़ाई सीधे ईओ से है। शंभू नाथ रावत ने जिलाधिकारी, सीआरओ और अधिशासी अधिकारी से कर्मचारियों का वेतन, बोनस और एरियर जल्द से जल्द खातों में डलवाने की मांग की। वहीं, सिटी मजिस्ट्रेट आशाराम वर्मा ने बताया कि नगर पालिका के सफाई कर्मियों द्वारा कार्य न किए जाने के कारण नगर पंचायतों और ग्राम पंचायतों की सफाई टीमों को बुलाकर सफाई कराई जा रही है। बाहर से कर्मचारी बुलाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि “ये लोग काम नहीं करना चाहते हैं, इसलिए हमें बाहर से बुलाना पड़ा।”
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