बलिया कलेक्ट्रेट स्थित चंद्रशेखर उद्यान में मंगलवार को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामरक्षा गोंड की पुण्यतिथि मनाई गई। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने उनके चित्र पर फूलमाला चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की और ‘स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामरक्षा गोंड अमर रहें’ के नारे लगाए। श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता रामरक्षा गोंड के पौत्र जितेंद्र गोंड ने की। उन्होंने बताया कि उनके दादा ने 108 साल की आयु में ग्राम-खरीद में अंतिम सांस ली थी। उन्हें थाना पुलिस द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था। कार्यक्रम का संचालन सुरेश शाह ने किया। मुख्य वक्ता के रूप में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश महासचिव गोपाल जी खरवार ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी जनजाति समुदाय ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। उन्होंने जेल की यातनाएं सहीं और अनगिनत शहादत दी, जो आज की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है। ऑल गोंडवाना स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आगसा) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के छात्रनेता प्रदीप कुमार गोंड ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में आदिवासी जनजाति समुदाय की गाथा शानदार रही है और विश्वविद्यालयों तथा महाविद्यालयों में उनके बारे में पढ़ाया जाता है। इस अवसर पर वक्ताओं ने जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रामरक्षा गोंड की जन्मभूमि ग्राम-खरीद में उनकी स्मृति में एक स्मृति द्वार और आदमकद प्रतिमा स्थापित करने की मांग की। इस दौरान श्रद्धांजलि सभा में बच्चा लाल गोंड, अरविंद गोंडवाना, नैना देवी, किरण देवी, जितेंद्र गोंड, रामनारायण गोंड, सुदेश शाह, ओमप्रकाश गोंड, भुवनेश्वर गोंड, धर्मेंद्र गोंड, गोंडवाना सिंह, कन्हैया गोंड, गोपाल जी खरवार, परशुराम खरवार, मोहन गोंड, सोनू गोंड, संजय गोंड और प्रधान मुन्ना गोंड सहित कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे।
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