बलिया के बरवां ग्रामसभा में सार्वजनिक रास्ते के निर्माण को लेकर चल रही ग्रामीणों की भूख हड़ताल गुरुवार को समाप्त हो गई। यह हड़ताल डीएम के आश्वासन के बाद चौथे दिन खत्म हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि बीडीओ के निर्देशों की अवहेलना करते हुए रास्ते को 8 फीट के बजाय केवल 6 फीट चौड़ा बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बरवां ग्राम पंचायत, विकास खंड हनुमानगंज में आराजी नंबर 322 से सटा एक खड़ंजा 2011 में तत्कालीन ग्राम प्रधान रमिता देवी द्वारा 8 फीट चौड़ा बनवाया गया था। प्रधान रमिता देवी ने ही इस रास्ते पर बिछे खड़ंजा को नवीनीकरण और नाली निर्माण के लिए उखड़वा दिया था। जब रास्ते का नवीनीकरण कार्य दोबारा शुरू हुआ, तो पद्मदेव चौहान और श्यामलाल चौहान के परिवार वालों ने आपत्ति जताकर काम रुकवा दिया। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत तहसील और जिला प्रशासन से की। इसके बाद बीडीओ को जांच कर रास्ता निर्माण कराने की जिम्मेदारी दी गई। खंड विकास अधिकारी ने 14 अक्टूबर 2025 को मौके का मुआयना किया और ग्राम प्रधान को एक सप्ताह के भीतर खड़ंजा रास्ते को पूर्व स्थिति में बहाल करने का निर्देश दिया। हालांकि, 20-21 दिन बीत जाने के बाद भी काम में कोई प्रगति नहीं हुई। दोबारा शिकायत करने पर प्रधान द्वारा 11 नवंबर 2025 से रास्ते का मिट्टी कार्य 8 फीट के बजाय केवल 6 फीट चौड़ाई में कराया जाने लगा। ग्रामीणों की शिकायत के बाद यह काम रुक गया, लेकिन 15 नवंबर 2025 को सुबह पद्मदेव चौहान और श्यामलाल चौहान के परिवार ने निर्माणाधीन रास्ते में 6 फीट जगह छोड़कर अपने पक्ष में लंबी दीवारें खड़ी करनी शुरू कर दीं। ग्रामीणों ने डायल 112 पर फोन कर सूचना दी और काम कर रहे लोगों का मोबाइल से वीडियो बनाने का प्रयास किया। इस दौरान विपक्षीगणों ने मोबाइल तोड़ दिया और शिवजी चौहान, कौशल्या देवी, परमेश्वर चौहान तथा अंशा को मारपीट कर घायल कर दिया। इस घटना की तहरीर सुखपुरा थाने में दी गई है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि श्यामलाल चौहान के घर के सामने एक सार्वजनिक कुआँ था, जिसे भरकर सहन बना लिया गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से पूर्व की तरह 8 फीट चौड़ा रास्ता बहाल करने की मांग की है।
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