बलिया के गंगा बहुउद्देशीय सभागार में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. मुलायम सिंह यादव की जयंती की पूर्व संध्या पर शुक्रवार रात एक विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए प्रख्यात कवियों ने अपनी कविताओं से समां बांध दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि व नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पाण्डेय सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने किया। अतिथियों ने स्व. मुलायम सिंह यादव के तैल चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर उन्हें माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर नमन किया। प्रख्यात कवि वसीम बरेलवी ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने मुलायम सिंह के मिशन को उद्धृत करते हुए कहा, “ये है तो सबके लिए हो, ये जिद हमारी है, इसी एक बात पर दुनिया से जंग जारी है।” बरेलवी ने अपनी कविता “कहां गई मेरे चेहरे की झुर्रियां सारी, ये नन्हें बच्चे के हाथों ने क्या कमाल किया” सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। डॉ. सरिता शर्मा ने अपनी कविताओं “बड़ी कविता वह जो विश्व को सुन्दर बनाती है” और “खुदी पे और खुदा पे यकीन रखता है, जहन में सोच में इमानोंदीन रखता है और फलक की सारी उड़ानें उसी की होती हैं, जो अपने पांव के नीचे जमीन रखता है” से उपस्थित लोगों में जोश भर दिया। उन्होंने कार्यक्रम का संचालन भी किया। कवियत्री मुमताज ने प्रेमरस से सराबोर कविता “प्यार की खुश्बुओं का समन्दर हूं मैं, मुस्कुराता हुआ शोख मंजर हूं मैं, जानती हूं कि तू मेरी तकदीर है, मान भी जा कि तेरा मुक़द्दर हूं मैं” प्रस्तुत की। इनके अतिरिक्त, कई अन्य कवियों ने भी अपनी प्रस्तुतियों से कवि सम्मेलन को यादगार बनाया। इस अवसर पर गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी, पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी, सिकंदरपुर विधायक मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी, फेफना विधायक संग्राम सिंह यादव और बैरिया विधायक जयप्रकाश चंचल सहित कई प्रमुख हस्तियां मौजूद रहीं।
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