बलिया के ऐतिहासिक ददरी मेले का अंतिम रविवार को समापन हो गया। इस अवसर पर मेले में भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा, जिसके कारण शहर में दिनभर जाम की स्थिति बनी रही। सुबह 9 बजे से ही मेला क्षेत्र में लोगों का आना शुरू हो गया था, जो दोपहर होते-होते पूरे क्षेत्र में फैल गया। मेलार्थियों ने जमकर खरीदारी की। बच्चों ने झूले, चर्खी, जलपरी और मौत के कुएं के करतबों का आनंद लिया। झूला व जलपरी के काउंटरों पर टिकट के लिए लंबी कतारें देखी गईं। शाम चार बजे के बाद शहर के लोग भी बड़ी संख्या में मेले में पहुंचे और देर रात तक खरीदारी करते रहे। शाम होते ही मेला क्षेत्र लाइटों की रोशनी से जगमगा उठा। लोगों ने गुड़ही जलेबी, छोला और अन्य व्यंजनों का लुत्फ उठाया। हर माल 10 और 25 रुपए की दुकानों पर विशेष भीड़ देखी गई। मेला से निकलते समय लोगों ने खजला भी खरीदा। ददरी मेले के कारण रविवार को शहर में भीषण जाम की स्थिति रही। जगदीशपुर, ओवरब्रिज, स्टेशन मालगोदाम से लेकर कदम चौराहा और टोल टैक्स तक वाहन रेंगते रहे। सुबह 10 बजे के बाद भीड़ बढ़ने पर जाम की समस्या और गंभीर हो गई। पटरी पर अतिक्रमण के कारण पैदल राहगीरों को निकलने में भारी मशक्कत करनी पड़ी। ट्रैफिक प्रभारी पूरे दिन एक चौराहे से दूसरे चौराहे जाम खुलवाने में लगे रहे। चित्तू पांडेय चौराहा, स्टेशन के सामने, रोडवेज तिराहा, टीडी कॉलेज चौराहा, माल गोदाम, जगदीशपुर चौराहा, मिड्ढी चौराहा और कदम चौराहा पर घंटों जाम लगा रहा। ई-रिक्शा चालकों की मनमानी भी जाम का एक प्रमुख कारण रही।
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