बलिया के जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग ने ‘मिशन शक्ति चरण 5.0’ के तहत एक व्याख्यान का आयोजन किया। व्याख्यान का विषय “वर्तमान परिदृश्य में महिला सुरक्षा से संबंधित चुनौतियाँ” था। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजीत कुमार गुप्ता के संरक्षण और विभागाध्यक्ष डॉ. पुष्पा मिश्रा के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। व्याख्यान में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, मानव तस्करी, यौन उत्पीड़न और समाज में महिला सुरक्षा के बदलते स्वरूप पर विस्तार से चर्चा की गई। डॉ. पुष्पा मिश्रा ने कहा कि डिजिटल युग में महिला सुरक्षा एक वैश्विक चिंता का विषय बन गई है, जिसके लिए समाज के सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। चर्चा के दौरान वक्ताओं ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के नवीनतम आंकड़े प्रस्तुत किए। इन आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 4,45,256 मामले दर्ज किए गए, जो वर्ष 2021 के 4,28,278 मामलों से अधिक थे। वर्ष 2023 में यह संख्या बढ़कर 4,48,211 तक पहुंच गई, जो महिला सुरक्षा में गंभीर चुनौतियों का संकेत है। इन प्रमुख अपराधों में दहेज हत्या, घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न और मानव तस्करी शामिल हैं। वक्ताओं ने इन अपराधों की रोकथाम के लिए कानूनी प्रावधानों के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता और शिक्षा की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. रूबी ने महिला सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने, महिलाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण देने और पुलिस-प्रशासनिक प्रणाली को संवेदनशील बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की बात कही। डॉ. रूबी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (शारीरिक उत्पीड़न), 509 (अशोभनीय टिप्पणी), 498A (घरेलू हिंसा) और मानव तस्करी से संबंधित धारा 370 जैसे कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने इनके प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया। व्याख्यान में डॉ. प्रेमभूषण यादव, डॉ. संजीव कुमार सहित समाज कार्य एवं समाजशास्त्र विभाग के छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रेमभूषण यादव ने किया, जबकि डॉ. संजीव कुमार ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
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