बलरामपुर में आयोजित विराट गायत्री महायज्ञ के प्रथम दिवस की संध्याकालीन प्रवचन-कथा और द्वितीय दिवस पर 108 कुण्डीय यज्ञ ने नगर को आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर कर दिया। इस आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे जितेंद्र मिश्रा ने प्रेरक गीतों के साथ प्रवचन का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि साधना के बिना सत्संग का लाभ संभव नहीं है। मानव को देवत्व की ओर बढ़ने के लिए निरंतर साधना और स्वाध्याय आवश्यक है। मिश्रा ने पंचतंत्र के उदाहरणों से बताया कि अज्ञान मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। उन्होंने युग साहित्य के अध्ययन को विचार-क्रांति का मार्ग बताया। कार्यक्रम के दूसरे दिन की शुरुआत भाजपा नेता विनय कुमार मिश्रा ने धर्म-ध्वजा फहराकर की। इसके साथ ही सभी कार्यक्रमों का विधिवत उद्घाटन हुआ। विराट 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का शुभारंभ हुआ। देव आवाहन एवं सर्वतोभद्र पूजन युगल यजमान कुसुम मोदनवाल और घनश्याम मोदनवाल द्वारा संपन्न कराया गया। बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र व अन्य विशिष्ट मंत्रों की आहुतियाँ समर्पित कीं। यह आहुतियाँ वातावरण परिष्करण, राष्ट्र जागरण और सतयुग आगमन की प्रार्थना के लिए थीं। इस यज्ञ में प्रज्वलित अग्नि पूज्य गुरुदेव पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा वर्ष 1958 में मथुरा में आयोजित 1008 कुण्डीय महायज्ञ से लाई गई दिव्य अग्नि का विस्तार है।
कार्यक्रम में नगर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. के.के. राणा, कार्यक्रम व्यवस्थापक सुनील वर्मा, रवींद्र सिंह, दीपचंद्र पाल, ट्रस्टी अशोक गुप्ता, कथाकार ऋषिदेव तिवारी, युवा परिजन लोकेश श्रीवास्तव, जनपद युवा प्रभारी एवं देवमंच संचालक संदीप जायसवाल, परिवराजक राजकरण, राधे गोविंद गुप्ता सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। महिला मंडल से चेतना कुंड, प्रीति कश्यप, पूनम श्रीवास्तव, अर्चना सिंह, मीरा मिश्रा और नीलम वर्मा ने भी सक्रिय भागीदारी की। तस्वीरें देखिए…
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