बलरामपुर में एक फर्जी फर्म के नाम पर बिना वास्तविक कारोबार के 71.26 लाख रुपए की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है। राज्य कर अधिकारी, गोंडा क्षेत्र की जांच में यह खुलासा हुआ। मेसर्स तुलसीपुर इंफ्राटेक सोल्यूशंस नामक फर्म पर कागजी लेनदेन के माध्यम से राजस्व को नुकसान पहुंचाने का आरोप है। फर्म के मालिक सलीम खान के खिलाफ तुलसीपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। राज्य कर अधिकारी नकछेद प्रसाद द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, सलीम खान ने जरवा मार्ग, तुलसीपुर में अपनी फर्म के नाम पर सीमेंट और पुराने लोहे के कण के व्यापार की घोषणा की थी। इस फर्म का पंजीकरण 2 अक्टूबर 2019 को कराया गया था। जीएसटी पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि यह फर्म कर चोरी में लिप्त हो सकती है। फर्म द्वारा माल की वास्तविक आपूर्ति नहीं बीते 6 सितंबर को की गई जांच में फर्म के घोषित व्यापार स्थल पर कोई बोर्ड नहीं मिला। वहां किसी भी तरह की व्यापारिक गतिविधि, जैसे भारी वाहनों का आवागमन या आयरन स्क्रैप का भंडारण, नहीं पाया गया। फर्म का कोई गोदाम भी नहीं था। जांच में यह भी सामने आया कि घोषित व्यापार स्थल एक तंग गली में है। जहां स्टॉक रखना संभव नहीं है। इससे स्पष्ट हुआ कि फर्म द्वारा माल की वास्तविक आपूर्ति नहीं की जा रही थी, बल्कि केवल बिलों का आदान-प्रदान किया जा रहा था। फर्म ने मेसर्स एए इंटरप्राइजेज से 1,61,08,349.25 रुपए की खरीद दिखाई, जिसका पंजीकरण पहले ही रद्द हो चुका है। इससे संबंधित 32,25,456.98 रुपए का इनपुट टैक्स क्रेडिट दावा करते हुए प्रदेश के बाहर आपूर्ति की गई। वहीं, प्रांत के अंदर की फर्मों को 2,02,80,559 रुपए की आउटवर्ड आपूर्ति दिखाकर 39,01,221.51 रुपए की कर चोरी की गई। इस प्रकार, फर्म ने बिना किसी वास्तविक लेनदेन या व्यापार के कुल 71,26,678.49 रुपए की जीएसटी चोरी की। तुलसीपुर थाना के प्रभारी निरीक्षक राजकुमार सिंह ने बताया कि राज्य कर अधिकारी की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की छानबीन की जा रही है।
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