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बलरामपुर के 150 गांवों में तेंदुए की दहशत:मासूम की मौत के बाद ग्रामीणों में डर और आक्रोश

बलरामपुर के सोहेलवा वन्यजीव प्रभाग से सटे करीब 150 गांवों में तेंदुए की दहशत फैल गई है। हाल ही में रेहारपुरवा झौहना गांव में एक दुधमुंहे बच्चे को तेंदुए द्वारा मार दिए जाने के बाद ग्रामीणों में डर और आक्रोश व्याप्त है। जंगली जानवरों की बढ़ती सक्रियता से क्षेत्र में चिंता गहरा गई है। यह घटना शनिवार रात रेहारपुरवा झौहना गांव के गुरदासपुरवा में हुई थी। चनावती के दुधमुंहे बेटे रोहित को तेंदुआ मां की गोद से छीनकर ले गया था। बच्चा गांव के पश्चिमी छोर पर करीब दो सौ मीटर दूर मृत पाया गया, जिससे पूरे क्षेत्र में भय का माहौल है। मंगलवार को बरहवा रेंज के अंतर्गत ग्राम बदलपुर निवासी अयोध्या प्रसाद ने गांव के दक्षिण स्थित बांध के पास अपने खेत में तेंदुए के ताजे पगचिह्न देखे। इस जानकारी के बाद गांव में दहशत फैल गई। ग्रामीणों ने वन विभाग से तत्काल पिंजरा लगाने और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की मांग की है। रेंजर सत्रोहन लाल ने बताया कि घटना के बाद से गांव के आसपास पिंजरा लगाया गया है। इसके अतिरिक्त, ड्रोन से निगरानी की जा रही है और पांच कैमरे भी सक्रिय किए गए हैं ताकि तेंदुए की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।बनकटवा रेंज द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में रतनवा, अतरपरी, भवानीडीह सहित करीब 150 गांवों में जंगली जानवरों के आतंक की पुष्टि हुई है। मंगलवार को बरहवा रेंज के क्षेत्रीय वनाधिकारी बृजेश सिंह परमार के नेतृत्व में प्राथमिक विद्यालय लंबीकोहल में ग्रामीणों और बच्चों को तेंदुए तथा अन्य जंगली जानवरों से बचाव संबंधी जानकारी दी गई। एसडीओ मनोज कुमार ने बताया कि घटनास्थल के आसपास अब तक तेंदुए के स्पष्ट पगचिह्न नहीं मिले हैं,लेकिन एहतियातन गांवों में चौकसी बढ़ाई गई है और सतत जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक तेंदुआ पकड़ा नहीं जाता,तब तक भय और असुरक्षा खत्म होना मुश्किल है। वन विभाग ने आश्वासन दिया है कि टीमें गांवों में लगातार गश्त कर रही हैं और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जाएगी।


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