बरेली में साइबर ठगी के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। प्रेमनगर थाना क्षेत्र के शाहबाद निवासी ड्राइवर नदीम खान का बैंक खाता कथित तौर पर साइबर अपराधियों द्वारा ‘म्यूल अकाउंट’ के रूप में इस्तेमाल किया गया। इस खाते के जरिए महज पांच महीने में 1.22 करोड़ रुपए का संदिग्ध यूपीआई लेन-देन किया गया। जांच में सामने आया है कि नदीम के इंडियन ओवरसीज बैंक खाते में 20 जून से 3 नवंबर 2025 के बीच करीब 61.94 लाख रुपए जमा किए गए, जबकि लगभग 60.82 लाख रुपए निकाले गए। इतनी बड़ी रकम के लेन-देन के बावजूद न तो बैंक को इसकी जानकारी दी गई और न ही पुलिस में कोई शिकायत दर्ज कराई गई। इससे खाताधारक की भूमिका पर संदेह गहराता जा रहा है। नेशनल क्राइम रिपोर्ट पोर्टल पर नदीम के इस बैंक खाते से जुड़ी कुल 17 शिकायतें दर्ज हैं। इससे साफ है कि इस खाते का इस्तेमाल देश के अलग-अलग हिस्सों में हुई साइबर ठगी की रकम के लेन-देन में किया गया। साइबर सेल की जांच में बारादरी थाना क्षेत्र के तलैया जोगी नवादा निवासी मुस्तकीम का नाम भी सामने आया है। बताया जा रहा है कि मुस्तकीम नदीम का दोस्त है। आशंका जताई जा रही है कि इस नेटवर्क के जरिए अन्य लोगों के बैंक खातों का भी इस्तेमाल किया गया हो सकता है। साइबर सेल प्रभारी सब इंस्पेक्टर अक्षय त्यागी ने बताया कि ऐसे मामलों में खाताधारक की भूमिका बेहद अहम होती है। उन्होंने कहा कि यदि किसी खाते में संदिग्ध रकम आती है और इसकी सूचना संबंधित एजेंसियों को नहीं दी जाती, तो इसे अपराध में सहमति माना जा सकता है। फिलहाल पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है और पूछताछ के दौरान अन्य नाम सामने आने की संभावना है। पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि वे किसी के कहने पर अपना बैंक खाता, यूपीआई डिटेल या ओटीपी साझा न करें। थोड़े से लालच में आकर खाता देना गंभीर कानूनी परेशानी का कारण बन सकता है।
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