बरेली में विधवा पेंशन योजना को चूना लगाने वाले गैंग पर अब पुलिस प्रशासन का शिकंजा कसना शुरू हो गया है। 56 सुहागनों और 2 अपात्रों द्वारा 1 करोड़ 23 लाख रुपए की पेंशन उठाए जाने का खुलासा होने के बाद DM अविनाश सिंह ने विस्तृत रिपोर्ट SSP अनुराग आर्य को भेजी। रिपोर्ट मिलते ही SSP ने तुरंत SIT गठित कर दी। अब 25 मामलों में अलग-अलग FIR दर्ज होंगी और कई सरकारी कर्मचारियों की भूमिका भी जांच के दायरे में आ गई है। घोटाले का बड़ा खुलासा
एसपी साउथ अंशिका वर्मा पहले ही जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने ला चुकी हैं। उनकी रिपोर्ट में सामने आया कि आंवला, बहेड़ी, फरीदपुर और शहर क्षेत्र में बड़ी संख्या में ऐसी महिलाएं पेंशन ले रही थीं जो न तो विधवा थीं और न ही योजना के मानकों में फिट बैठती थीं। कुल 56 सुहागनों और 2 अन्य अपात्र महिलाओं ने योजनाओं का लाभ उठाकर 1 करोड़ 23 लाख रुपए सरकारी खाते से निकाल लिए। DM की सख्त टिप्पणी
डीएम अविनाश सिंह ने कहा कि गरीबों के हक पर कब्जा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से कहा कि योजनाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए और सत्यापन प्रक्रिया को मजबूत किया जाए। DM ने SSP को भेजी रिपोर्ट में कई कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध बताई है, जिनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी तय मानी जा रही है। SIT में शामिल अधिकारी
SSP अनुराग आर्य ने इस मामले में विशेष जांच टीम बनाई है, जिसमें एसपी साउथ अंशिका वर्मा को प्रमुख भूमिका दी गई है। टीम को वित्तीय लेनदेन, फर्जी दस्तावेजों की तैयारी, सत्यापन की खामियों और सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत समेत हर पहलू की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। 25 मामलों में होगी FIR
SSP अनुराग आर्य ने बताया कि घोटाले के 25 अलग-अलग मामलों में FIR दर्ज कराने के आदेश दे दिए गए हैं। हर केस को अलग-अलग दर्ज कर जांच को तेज किया जाएगा, ताकि किसी आरोपी को कानूनी प्रक्रिया में छूट न मिल सके। चार बिचौलिए पहले ही जेल में
पेंशन घोटाले का खुलासा होते ही आंवला क्षेत्र से चार बिचौलियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। ये लोग महिलाओं को फर्जी दस्तावेज दिलवाने, मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने और उनकी फाइलें पास करवाने के लिए विभाग के कुछ कर्मचारियों से मिलीभगत कर रहे थे। इन बिचौलियों के जरिए दर्जनों महिलाओं तक पैसे पहुंचाए गए। फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र का खेल
सत्यापन के दौरान सामने आया कि कई महिला आवेदकों के पति जिंदा थे, लेकिन उनकी मौत के फर्जी प्रमाण पत्र तैयार करवा दिए गए। कई प्रमाण पत्र ऐसे व्यक्तियों ने तैयार करवाए जो पिछले कई साल से बिचौलिए के तौर पर सक्रिय थे। इन बिचौलियों के नाम अब SIT जांच का हिस्सा हैं और जल्द ही इनकी गिरफ्तारी की तैयारी है। सरकारी कर्मचारियों पर भी गिरेगी गाज
जांच में जिन कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है, उनकी सूची तैयार की जा रही है। DM ने स्पष्ट कहा है कि फर्जी तरीके से पेंशन स्वीकृत करने वाले बाबू से लेकर सुपरवाइजर व अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई तय है। SSP का बयान
SSP अनुराग आर्य ने कहा कि विधवा पेंशन में बड़ा घोटाला सामने आया है। 25 मामलों में FIR दर्ज कराई जा रही है और SIT को पूरे नेटवर्क की जांच सौंपी गई है। दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। SP साउथ का बयान
एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने कहा कि बिचौलियों और कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण घोटाला हुआ। कई फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र और जाली फाइलें मिलने के बाद पूरे रैकेट का खुलासा हुआ है। जल्द ही सभी आरोपी कानून के दायरे में होंगे। DM का बयान
DM अविनाश सिंह ने कहा कि गरीब महिलाओं की हक वाली योजनाओं में धांधली बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संबंधित कर्मचारियों पर सख्त विभागीय कार्रवाई और पुलिस FIR दोनों होंगी।
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