बरेली में पुलिस प्रशासन ने कानून-व्यवस्था को लेकर ‘नो टॉलरेंस’ नीति लागू कर दी है। एसएसपी बरेली अनुराग आर्य ने स्पष्ट किया है कि अपराध नियंत्रण, सामाजिक सौहार्द और पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डीजीपी परिपत्र-37/2025 के अनुपालन में जिले के सभी थानों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। एसएसपी कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक में एसपी, एएसपी, सीओ और थाना इंचार्ज मौजूद रहे। बैठक का मुख्य फोकस लंबित विवेचनाओं का निस्तारण, जातिगत गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध, साइबर अपराधों पर तेज कार्रवाई और वारंट निष्पादन में तेजी लाना था। एसएसपी अनुराग आर्य ने दो टूक कहा कि पुलिस तंत्र में अब जाति आधारित पहचान या गतिविधियों के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी पुलिस प्रपत्र में जाति का उल्लेख नहीं होगा। इसके अतिरिक्त, जातिगत सम्मेलन और सार्वजनिक स्थलों पर जातिगत संकेत प्रतिबंधित रहेंगे। सोशल मीडिया पर जातिगत नफरत फैलाने वालों के खिलाफ कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का मानना है कि यह कदम सामाजिक समरसता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। जनसुनवाई से जुड़े मामलों में 31 अक्टूबर तक अधिकांश थानों ने 100 प्रतिशत निस्तारण किया, लेकिन नवाबगंज क्षेत्राधिकारी केवल 75 प्रतिशत निस्तारण पर खरे उतर सके, जिस पर एसएसपी ने कड़ी चेतावनी जारी की। 5 नवंबर से 31 दिसंबर तक चले विशेष अभियानों में कोतवाली, प्रेमनगर, कैंट, किला, सीबीगंज और सुभाषनगर थानों का प्रदर्शन अपेक्षा से कम पाया गया। एसएसपी ने सभी लंबित विवेचनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा कर समय से चार्जशीट न्यायालय में दाखिल करने के निर्देश दिए। हिस्ट्रीशीटरों के खिलाफ चलाए गए अभियान में लापरवाही सामने आने पर कई थानों को फटकार लगाई गई। वहीं, उत्कृष्ट कार्य करने वाले आंवला और मीरगंज क्षेत्राधिकारी को प्रशस्ति पत्र के लिए चयनित किया गया। गो-तस्करी विरोधी अभियान में अपेक्षित कार्रवाई न होने पर नगर क्षेत्र के अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।
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