बरेली में करीब दस साल पुराने बहुचर्चित डबल मर्डर केस में अदालत ने दो मुख्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं एक महिला आरोपी को सात वर्ष की कैद दी गई है, जबकि तीन अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया। फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र के निवासी कांताप्रसाद की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार, उनका 15 वर्षीय पुत्र दीपक मौर्य, पड़ोस में रहने वाले वीरपाल की बेटी जावित्री के साथ प्रेम-प्रसंग में था। इसी रंजिश के चलते 24 मार्च 2015 की रात दीपक का अपहरण कर लिया गया। बाद में दीपक और जावित्री दोनों की हत्या कर शव जंगल में छिपा दिए गए थे। इस मामले में फतेहगंज पश्चिमी थाने में भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। एडीजे-03 कोर्ट, बरेली में अभियोजन पक्ष ने कुल 9 गवाह पेश किए। अदालत ने वीरपाल और राजेंद्र, निवासी फतेहगंज पश्चिमी, को धारा 302/34 IPC के तहत दोषी ठहराया। दोनों को आजीवन कारावास और 50,000-50,000 रुपए का अर्थदंड लगाया गया है। अर्थदंड न देने पर उन्हें एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। महिला आरोपी कमला देवी को सात वर्ष का सश्रम कारावास और 5,000 रुपए का अर्थदंड सुनाया गया है। अर्थदंड न चुकाने पर उसे एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं, प्रेमशंकर, टेनी और राजाराम को अदालत ने संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया। इस पूरे मामले में कुल 1,15,000 रुपए का अर्थदंड लगाया गया है।
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