बरेली क्लब लिमिटेड, जिसकी स्थापना ब्रिटिश काल में सैन्य और सिविल समुदायों को एकजुट करने के उद्देश्य से हुई थी, अब डिजिटल और आधुनिक सुविधाओं की ओर तेजी से अग्रसर है। मंगलवार को आयोजित वार्षिक आम सभा (AGM) में क्लब की समृद्ध विरासत और अनुशासन के साथ-साथ भविष्य के लिए युवा दृष्टिकोण भी प्रमुखता से सामने आया। इस AGM की एक महत्वपूर्ण विशेषता युवाओं और नए सदस्यों की सक्रिय भागीदारी रही, जिसने दशकों पुरानी परंपराओं में आधुनिक प्रबंधन की ऊर्जा का संचार किया। क्लब की पहचान रही सैन्य-सिविल सहभागिता इस अवसर पर और अधिक मजबूत होकर उभरी। क्लब प्रबंधन में ‘डिजिटल डेमोक्रेसी’ को बढ़ावा देते हुए, प्रस्तावों पर बहस के साथ पहली बार ई-वोटिंग और ऑन-स्पॉट वोटिंग, दोनों प्रक्रियाओं का संयोजन अपनाया गया। यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बैठक में सदस्यता, खेल सुविधाओं के विस्तार और मासिक शुल्क जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर खुले विचार-विमर्श हुए। सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि डिजिटल प्रक्रियाओं को अपनाने से क्लब के कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही में वृद्धि हुई है। AGM में 15 निदेशक पदों पर निर्विरोध चयन हुआ, जिसे सदस्यों ने क्लब में बढ़ते विश्वास और सामंजस्य का प्रतीक बताया। क्लब सचिव लेफ्टिनेंट कर्नल कंवलजीत सिंह ने बैठक की शुरुआत की, जिसके बाद ब्रिगेडियर एच.पी.पी. सिंह, वीएसएम को सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। अध्यक्ष ब्रिगेडियर एच.पी.पी. सिंह ने “विरासत को संजोकर, भविष्य को संवारने” का संदेश दिया। उन्होंने बीते वर्ष की प्रमुख उपलब्धियों को साझा किया, जिनमें नवीनीकरण कार्य, खेल परिसर का विस्तार, प्रशासनिक सुधार और सुरक्षा व सुविधा उन्नयन शामिल हैं। क्लब में सैन्य और सिविल सदस्यों के पेशेवर अनुभव का संतुलित मेल दिखाई देता है। सदस्यों का मानना है कि बरेली क्लब अब परंपरा, तकनीक और सामाजिक समावेश के एक नए मॉडल पर आगे बढ़ने के लिए पूरी तरह तैयार है। AGM के बाद, आने वाले महीनों में क्लब में कई नई पहलें देखने को मिल सकती हैं, जिनमें आधुनिक खेल अवसंरचना का विकास, युवाओं के लिए नए आयोजनों की शुरुआत, पारदर्शी सदस्यता नियम और एक डिजिटाइज्ड सेवा प्रणाली शामिल हैं।
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