रायबरेली जिले के बछरावां क्षेत्र में गांवों को स्वच्छ रखने के उद्देश्य से बनाए गए ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र (RRC) अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहे हैं। समोधा और बिशुनपुर गांवों में लाखों रुपये की लागत से बने ये केंद्र कूड़ा निस्तारण के बजाय लंबे समय से बंद पड़े हैं और अब जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं। जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी के चलते इन RRC केंद्रों तक कूड़ा पहुंचाने की कोई व्यवस्था नहीं है। नतीजतन गांव की गलियों, चौराहों और खाली स्थानों पर कचरे के ढेर लगे हुए हैं। इससे ग्रामीणों को बदबू और गंदगी के साथ जीना पड़ रहा है। शोभनाथ, आकाश, सर्वेश, आलोक, विपिन, पवन, पंकज और शीलू समेत कई ग्रामीणों का कहना है कि केंद्र बनने के बाद से ही ताले लटके हुए हैं। न तो कूड़ा संग्रहण हो रहा है और न ही किसी प्रकार की निगरानी। सरकारी योजना कागजों तक ही सिमट कर रह गई है। स्वच्छ भारत अभियान पर सवाल ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों द्वारा इन केंद्रों को चालू कराने की कोई पहल नहीं की जा रही है। ऐसे में स्वच्छ भारत अभियान जमीनी स्तर पर विफल नजर आ रहा है। गली-मोहल्लों में जमा कचरे से बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है, जिसका असर बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर साफ दिख रहा है। वाहन मिले, लेकिन अब नजर नहीं आते सरकारी योजना के तहत RRC केंद्रों तक नियमित कूड़ा उठाने के लिए वाहनों की व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन दर्जनों गांवों में ये वाहन अब नजर नहीं आते। कूड़ा खुले में पड़ा रहने से मच्छर, मक्खी और संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ गई है। वर्मी कंपोस्ट बनाने की थी योजना सरकार की मंशा थी कि गांवों से कूड़ा RRC केंद्रों पर इकट्ठा कर उसका निस्तारण किया जाए और वर्मी कंपोस्ट तैयार कर किसानों को उपलब्ध कराया जाए। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि इन केंद्रों पर कोई गतिविधि नहीं हो रही। इस पूरे मामले पर पंचायत स्तर से लेकर ब्लॉक प्रशासन तक चुप्पी साधे हुए है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो गांवों में गंदगी और बीमारी का खतरा और बढ़ जाएगा। जिला प्रशासन से कार्रवाई की मांग ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि RRC केंद्रों को तत्काल संचालित कराया जाए। साथ ही नियमित कूड़ा उठान की व्यवस्था बहाल हो और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए कि इतनी बड़ी सरकारी योजना आखिर क्यों फेल हो रही है। खंड विकास अधिकारी शिव बहादुर सिंह ने बताया कि RRC केंद्रों की जांच कराई जाएगी और योजना को जमीनी स्तर पर उतारा जाएगा, ताकि गांवों में फैली गंदगी से ग्रामीणों को राहत मिल सके।
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