लगातार कैंसिल हो रही उड़ानों का असर अब सीधे देश की ट्रेनों पर दिखने लगा है। बीते कुछ दिनों से कई रूटों पर उड़ानें या तो समय से नहीं चल रहीं या फिर आखिरी वक्त में कैंसिल घोषित हो रही हैं। नतीजा यह कि यात्रियों का भारी दबाव ट्रेनोें पर अचानक बढ़ गया है। जिन लोगों को किसी भी हाल में अपने गंतव्य तक पहुंचना है काम, नौकरी, इंटरव्यू या किसी जरूरी वजह से वे रेल टिकट न मिलने पर मजबूरी में जनरल कोच का सहारा ले रहे हैं। जनरल टिकट की भीड़ ने व्यवस्था बर्बाद की ट्रेनों में अचानक बढ़े जनरल यात्रियों की भीड़ का सबसे बड़ा असर उन्हीं लोगों पर पड़ा है, जिन्होंने महीनों पहले रिजर्वेशन कराया था। कई कोच इस हद तक भर रहे हैं कि जनरल टिकट पर चढ़े यात्रियों ने सीधे रिजर्व सीटों और बर्थ पर कब्ज़ा जमाना शुरू कर दिया है। स्थिति यह है कि परिवारों के साथ यात्रा करने वाले भी अपनी ही रिजर्व सीट तक नहीं पहुंच पा रहे। कई कोचों में लोग बाथरूम के सामने तक बैठे हुए हैं, जिससे यात्रियों को बेसिक सुविधाओं तक पहुंचना भी कठिन हो गया है। कई एक्सप्रेस ट्रेनों में सीटें रिजर्व, लोग अनरिजर्व कई ट्रेनों में हालात लगभग एक जैसे हो गए हैं जिसमें कहने के लिए ही टिकट रिजर्व था जिसमें मोतीहारी–नई दिल्ली एक्सप्रेस, दरभंगा–दिल्ली एक्सप्रेस, दरभंगा–नई दिल्ली अमृत भारत, बनारस–लखनऊ, प्रतापगढ़–दिल्ली पद्मावत एक्सप्रेस इन सभी ट्रेनोें में लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं कि रिजर्व कोच ’जनरल कोच’ में बदल गए हैं। टॉयलेट से लेकर बर्थ तक पर कब्ज़ा कुछ यात्रियों ने बताया कि जनरल भीड़ इतनी ज्यादा है कि लोग बर्थ के अलावा शौचालय तक में बैठ जा रहे हैं। इससे बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के लिए कोच में मूवमेंट तक मुश्किल हो गया है। रेलवे के ’एक्स’ हैंडल पर लगातार शिकायतें भेजी जा रही हैं कि भीड़ को नियंत्रित किया जाए, लेकिन फिलहाल ट्रेनों पर अतिरिक्त दबाव कम होने का कोई संकेत नहीं है।
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