लखनऊ में एसटीएफ ने फेन्सेडिल कफ सिरप और कोडीन युक्त दवाओं की तस्करी करने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। थाना सुशांत गोल्फ सिटी में दर्ज मुकदमें में वांछित दिल्ली के एबॉट कंपनी के सुपर डिस्ट्रीब्यूटर अभिषेक शर्मा और उसका भाई शुभम शर्मा हजरतगंज से गिरफ्तार किए गए। दोनों बिहार, झारखंड और बंगाल के जरिए बांग्लादेश तक होने वाली तस्करी की कड़ी थे। सूचना पर हजरतगंज में दबोचे गए आरोपीएएसपी एसटीएफ लाल प्रताप सिंह के पर्यवेक्षण में चल रही तलाश के दौरान सूचना मिली कि दोनों भाई लखनऊ पहुंचे हैं। टीम ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर बस अड्डे के पास से दोनों को गिरफ्तार किया। अभिषेक का खुलासा: 65 फर्जी फर्मों से चलता था कागजी कारोबारपूछताछ में अभिषेक ने बताया कि वह 2019 से जीआर ट्रेडिंग में काम कर रहा था। यहां फेन्सेडिल को फर्जी फर्मों के माध्यम से खरीद-बिक्री दिखाकर तस्करों तक पहुंचाया जाता था।सीए अरुण सिंघल की मदद से उत्तराखंड और पश्चिमी यूपी में सचिन मेडिकोज, मारुति मेडिकोज समेत दर्जनों फर्जी फर्म बनाई गईं। इन फर्मों के जरिए कागजों में माल इधर-उधर दिखाया जाता था, जबकि फेन्सेडिल मारुति मेडिकोज के गोदाम में ही रहता था। कंपनी अधिकारियों से मिलीभगत, सुपर डिस्ट्रीब्यूटर बनेविभोर राणा के जेल से छूटने के बाद गिरोह ने एबॉट कंपनी के अधिकारियों से साठगांठ कर बीएन फार्मास्यूटिकल्स के लाइसेंस पर सहारनपुर का सीएफए हासिल कर लिया।इसके बाद मारुति मेडिकोज को जनवरी 2024 में उत्तराखंड का सुपर डिस्ट्रीब्यूटर बना दिया गया। सभी बिलों पर ‘सचिन कुमार’ के नाम से अभिषेक ही साइन करता था। दिल्ली में फर्जी फर्म ‘AV फार्मास्यूटिकल्स’ भी बनाईअभिषेक के नाम पर दिल्ली में एवी फार्मास्यूटिकल्स बनाई गई, जिसे गिरोह के सदस्य सौरभ त्यागी और पप्पन यादव चलाते थे। यहीं से आगरा, बनारस, गोरखपुर, कानपुर और लखनऊ के रास्ते माल को आगे मालदा, त्रिपुरा और फिर बांग्लादेश भेजा जाता था। सीतापुर वाले ई-वे बिल से पकड़ा गया मालअप्रैल 2024 में मारुति मेडिकोज और एवी फार्मास्यूटिकल्स से भेजा गया फेन्सेडिल का एक बड़ा खेप एसटीएफ लखनऊ ने पकड़ लिया। इसी के बाद गिरोह पर शिकंजा कसना शुरू हुआ। दिसंबर 2024 में एबॉट ने फेन्सेडिल बनाना बंद कर दियाकंपनी ने फेन्सेडिल की सप्लाई बंद कर सभी स्टॉक्स वापस लेकर शैली ट्रेडर्स को दे दिया। इसके बाद गैंग ऑनेरेक्स और स्कैफ कफ सिरप की तस्करी में जुट गया। मुख्य आरोपी जेल में, भाई अंबाला में छिपा था11 नवंबर 2025 को विशाल सिंह, विभोर राणा, सचिन और बिट्टू की गिरफ्तारी के बाद अभिषेक और शुभम मोबाइल बंद कर अंबाला में छिपे हुए थे। एसटीएफ दोनों से नेटवर्क में शामिल अन्य नामों और कंपनी अधिकारियों की भूमिका को लेकर आगे पूछताछ कर रही है।
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