लखनऊ में सचिवालय में गृह विभाग का सचिव बन टेंडर दिलाने के नाम पर 40 लाख ठग लिए। फर्जी सचिव ने दो भाइयों से सरकारी टेंडर और नौकरी दिलाने के नाम पर रुपए हड़पे। मामला उजागर होने पर पीड़ितों ने पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। देहरादून निवासी इतेश कुमार ने बताया कि जुलाई 2024 में गोमतीनगर के विनीत खंड स्थित किराये के मकान में सर्वेश से मुलाकात हुई। उसने खुद को सचिवालय में गृह विभाग का सचिव बताया। सरकारी वर्दी पहनकर घूमता था। अपनी स्विफ्ट डिजायर, हुंडई औरा और ब्लैक स्कॉर्पियो पर उत्तर प्रदेश सरकार का लोगो लगाकर चलता था। वह पत्नी और बच्चों के साथ ऊपर वाले फ्लोर में किराये पर रहता था। खुद को गोरखपुर का बताता था और अलग-अलग ड्राइवरों के साथ घूमता था। सरकारी टेंडर–नौकरी के नाम पर 40 लाख हड़पे सर्वेश ने सरकारी कैंटीन, पार्किंग टेंडर और नौकरी दिलाने का झांसा देकर 40 लाख रुपए अलग-अलग माध्यमों से ले लिए। शुरुआती भरोसा दिलाने के लिए उसने बैंक का 1 लाख रुपये का चेक दिया। ठगी के सारे रुपए उसने अपने परिचितों के अकाउंट में भी मंगवाए उत्तराखंड भवन में सरकारी मीटिंग में चलता था सर्वेश उत्तराखंड भवन (विभूति खंड) के कमरों में पीड़ितों को बुलाकर सरकारी कामकाज समझाता था। उसके साथ दो लोग और होते संदीप अवस्थी, जिसे वह सचिवालय का समीक्षा अधिकारी बताता था। अंकिता, जिसे वह संदीप अवस्थी की पीए बताकर मिलवाता था। तीनों मिलकर फर्जी फाइलें और फर्जी हस्ताक्षर दिखाते थे। चार चेक दिया सभी बाउंस हुएकाम न मिलने पर जब पीड़ितों ने जवाब मांगा तो सर्वेश बहाने बनाने लगा। अप्रैल 2025 से उसने फोन उठाना बंद कर दिया और किराये का मकान भी छोड़ दिया।इसके बाद जब पीड़ितों ने दबाव बनाया तो बैंक के दो चेक दिए। 21 जून 2025 को चेक जमा किया तो वह बाउंस हो गया। बैंक से पता चला कि सर्वेश का HDFC खाता पिछले एक साल से बंद है और उसमें कोई बैलेंस नहीं है। मामले में इंस्पेक्टर गोमती नगर बृजेश चंद तिवारी का कहना है मुकदमा दर्ज करके जांच की जा रही है।
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