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फर्जी रजिस्ट्रेशन और रिश्वत में CMO ऑफिस का बाबू सस्पेंड:अलीगढ़ के इगलास विधायक ने मुख्यमंत्री से की थी शिकायत, डीएम की जांच रिपोर्ट के बाद शासन ने की कार्रवाई

अलीगढ़ के स्वास्थ्य विभाग में लंबे समय से चल रहे भ्रष्टाचार पर आखिरकार शासन से गाज गिर गई। इगलास विधायक राजकुमार सहयोगी द्वारा मुख्यमंत्री को भेजी गई 19 बिंदुओं वाली शिकायत के बाद मामले की परतें खुलनी शुरू हुईं। जिलाधिकारी द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट के बाद शासन ने बुधवार को सीएमओ ऑफिस में तैनात वरिष्ठ सहायक रणधीर चौधरी को फर्जी तरीके से हॉस्पिटल रजिस्ट्रेशन करने और मोटी धनराशि की वसूली के आरोप में निलंबित कर दिया। फर्जी रजिस्ट्रेशन और वसूली का बड़ा खेल उजागर विधायक की शिकायत में आरोप लगाया गया था कि सीएमओ कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन से लेकर नवीनीकरण तक के काम पटल सहायक रणधीर चौधरी और एसीएमओ डॉ. रोहित गोयल के माध्यम से ही किए जाते थे, और हर कार्य के बदले मोटी रकम की मांग की जाती थी। इतना ही नहीं, कुछ स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा अपनी पत्नियों के नाम पर अवैध हॉस्पिटल रजिस्ट्रेशन कराने का आरोप भी शामिल था। शासन ने गंभीर आरोपों को देखते हुए जांच की जिम्मेदारी डीएम अलीगढ़ को सौंपी। रजिस्ट्रेशन के नाम पर चल रहा था खेल डीएम ने जांच सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपी। जांच में सामने आया कि अस्पतालों के रजिस्ट्रेशन की आधिकारिक जिम्मेदारी भले ही एसीएमओ डॉ. दिनेश खत्री के पास थी, लेकिन वास्तविक काम डॉ. रोहित गोयल और बाबू रणधीर चौधरी ही संचालित कर रहे थे। रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर धन वसूली की शिकायतें सही पाई गईं। अधिकारी की आईडी का दुरुपयोग जांच में सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी ने बताया कि नोडल अधिकारी और बाबू के बीच विवाद के बाद रजिस्ट्रेशन पोर्टल का आईडी-पासवर्ड एसीएमओ डॉ. रोहित गोयल को दिया गया था। इसकी जानकारी बाबू रणधीर को भी थी, जिसके चलते वह बिना अनुमति पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन का काम करता रहा। वीडियो में कैद हुई थी रिश्वत की गिनती एक अन्य शिकायत में सोनू नामक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि रजिस्ट्रेशन के बदले बाबू ने रिश्वत मांगी। पैसे न देने पर रजिस्ट्रेशन रोक दिया गया और आखिरकार कार्यालय में ही नकद वसूली कर नोट गिने। इसका वीडियो वायरल हुआ था जिसे जांच अधिकारी ने सही पाया। एसीएमओ लापरवाही बरतने के आरोपी नगर मजिस्ट्रेट ने एसीएमओ डॉ. दिनेश खत्री को कार्य में लापरवाही बरतने पर आंशिक रूप से दोषी माना है। वहीं, पटल सहायक रणधीर चौधरी को तत्काल निलंबित कर अपर निदेशक कार्यालय आगरा से संबद्ध कर दिया गया है। शासन के आदेश का होगा पालन सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी ने बताया कि शासन ने वरिष्ठ सहायक रणधीर चौधरी को निलंबित कर दिया है। शासन के आदेश का पालन किया जा रहा है। इस मामले में जांच भी शुरू हो गई है, जांच पूरी होने तक बाबू अपर निदेशक कार्यालय आगरा से संबद्ध रहेंगे।


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