रायबरेली पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों और शपथ पत्रों का उपयोग कर जमानत लेने वाले आरोपियों के खिलाफ एक विशेष अभियान शुरू किया है। पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह के निर्देश पर चलाए गए इस अभियान में अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह ने जिले के सभी थानाध्यक्षों को निर्देश दिए थे कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में ऐसे जमानतकर्ताओं की पहचान करें, जिन्होंने फर्जी दस्तावेज और शपथ पत्र लगाकर अपराधियों की जमानत ली है। इसके बाद उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। इन निर्देशों के बाद, थानों की पुलिस हरकत में आई। रायबरेली कोतवाली पुलिस ने चार आरोपियों को चिन्हित कर गिरफ्तार किया है। इनमें हजारीलाल (पुत्र रज्जन), हीरालाल (पुत्र राजन), दिनेश यादव (पुत्र राम भरोसे) और रामकिशोर (पुत्र बद्री) शामिल हैं, जो सभी ग्रीव शाह का पुरवा, थाना कोतवाली नगर के निवासी हैं। इन आरोपियों ने अपने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर दो से अधिक लोगों की जमानत ली थी। इसी क्रम में, मिल एरिया कोतवाली पुलिस ने भी तीन ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने फर्जी दस्तावेज लगाकर लोगों की जमानत कराई थी। इनके नाम कालिका (पुत्र स्वर्गीय बाबू), ताज मोहम्मद (पुत्र स्वर्गीय खलील) निवासी ग्राम थारूइया अंदावा, और मनोज कुमार (पुत्र रामपुर) निवासी ग्राम गोसाई का पुरवा, सिधौना, थाना मिल एरिया हैं। इन तीनों ने माननीय न्यायालय के समक्ष फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर चार से अधिक आपराधिक मामलों में अपराधियों की जमानत ली थी। इस पूरे मामले पर बार काउंसिल के अध्यक्ष ने बताया कि न्यायिक प्रक्रिया के दौरान एक जमानतकर्ता केवल एक ही अपराधी की जमानत ले सकता है। जब तक उस मुकदमे का अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक वह जमानतकर्ता किसी अन्य अपराधी की जमानत नहीं ले सकता है।
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