डॉ. राजीव गुप्ता की पहचान का दुरुपयोग कर स्वयं को कार्डियोलॉजिस्ट बताने वाले अभिनव सिंह के मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि अभिनव ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर डॉक्टर की नौकरी हासिल की। अपनी असली पहचान छिपाने के लिए आधार कार्ड में बार-बार बदलाव कराए। पुलिस के अनुसार, अभिनव सिंह के जॉइनिंग आवेदन में दर्ज जन्मतिथि और उसके आधार कार्ड में दर्ज जन्मतिथि अलग-अलग पाई गई है। जांच में यह भी सामने आया है कि अभिनव अब तक अपने आधार कार्ड में 12 बार अपडेट करा चुका है। इन अपडेट्स में नाम, पिता का नाम और पता तक बदला गया है। जांच अधिकारियों का मानना है कि यह सब उसने अपनी पहचान छिपाने और कानूनी कार्रवाई से बचने के उद्देश्य से किया। जांच के दौरान एक और गंभीर तथ्य सामने आया है। अभिनव सिंह के पास मौजूद लाइसेंसी रिवॉल्वर का शस्त्र लाइसेंस उसके नाम पर नहीं, बल्कि डॉ. राजीव गुप्ता के नाम पर जारी है। इस खुलासे के बाद पुलिस ने असलहा विभाग से शस्त्र लाइसेंस जारी करते समय प्रस्तुत किए गए सभी दस्तावेज तलब किए हैं, जिनकी गहन जांच की जा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने दस्तावेजों की सत्यता जांचने के लिए पांच विशेष जांच टीमें गठित की हैं। ये टीमें सोमवार को कोलकाता, रुड़की, फर्रुखाबाद, अलीगढ़ और कानपुर देहात के लिए रवाना की गईं। कोलकाता भेजी गई टीम अभिनव द्वारा एमबीबीएस किए जाने के दावे से जुड़े हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के प्रमाणपत्रों की जांच करेगी। अलीगढ़ की टीम एमडी डिग्री से संबंधित दस्तावेजों की सत्यता की पड़ताल करेगी। रुड़की में इंजीनियरिंग से जुड़े कागजातों की जांच की जाएगी। वहीं कानपुर देहात और फर्रुखाबाद में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने से जुड़े दावों की पुष्टि की जाएगी। पुलिस का कहना है कि सभी दस्तावेजों की पुष्टि के बाद आगे की सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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