देवरिया में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर पुलिस विभाग में नौकरी पाने का आरोप सामने आया है। न्यायालय के आदेश पर सदर कोतवाली पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के एकला मिश्रौलिया निवासी रामजनत पुजारी ने यह आरोप लगाया है। उनके अनुसार, गांव के धर्मेंद्र कहार (पुत्र हरिहर) मूल रूप से पिड़ी जाति के हैं। उन्होंने राजस्व और पुलिस विभाग को गुमराह कर अनुसूचित जनजाति (ST) का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया। शिकायतकर्ता का दावा है कि इसी फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर धर्मेंद्र ने वर्ष 2018 में पुलिस विभाग में नियुक्ति प्राप्त की। रामजनत पुजारी का यह भी दावा है कि धर्मेंद्र और उसके परिवार के किसी भी दस्तावेज में अनुसूचित जनजाति होने का कोई उल्लेख नहीं है। इस मामले को लेकर विभिन्न विभागों में शिकायतें की गईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद रामजनत ने न्याय के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय के आदेश पर सदर कोतवाली में धर्मेंद्र कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी से संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। सदर कोतवाल विनोद कुमार सिंह ने बताया कि न्यायालय के निर्देशानुसार मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस इस पूरे प्रकरण की गहनता से विवेचना कर रही है।
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