लखनऊ की गाजीपुर पुलिस और पूर्वी जोन की क्राइम सर्विलांस टीम ने संयुक्त कार्रवाई में नकली स्टांप तैयार करने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है। पुलिस को शनिवार को सूचना मिली थी कि इंदिरानगर स्थित केशव कॉम्प्लेक्स में एक दुकान के अंदर फर्जी हस्ताक्षर कर ई-स्टांप और मैनुअल स्टांप तैयार किए जा रहे हैं। दुकान में भारी मात्रा में फर्जी स्टांप और इन्हें बनाने के सामान होने की जानकारी भी मिली थी। उसके बाद छापेमारी करके गैंग के 2 सदस्यों को पकड़ा गया। इंस्पेक्टर गाजीपुर राजेश कुमार मौर्या ने बताया कि सूचना पर जब पुलिस टीम ग्राउंड फ्लोर स्थित दुकान पर पहुंची, तो अंदर बैठा एक व्यक्ति स्टांप और दस्तावेज समेटकर भागने लगा। पुलिस ने मौके पर ही उसे पकड़ लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम इंदिरानगर का सीतानाथ रथ (48) बताया। वह मूलतः बालेश्वर उड़ीसा का रहने वाला है। छापे के दौरान ही दूसरा साथी आ गया तलाशी के दौरान दुकान से 10 से 500 रुपए तक के मैनुअल स्टांप, ई-स्टांप (10 से 100 रुपए तक), नोटरी की रबर मोहरें, लैपटॉप, प्रिंटर, सीपीयू, मॉनिटर, की-बोर्ड, माउस सहित फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले उपकरण बरामद हुए। इसी दौरान एक दूसरा व्यक्ति दुकान पर पहुंचा, जिसकी पहचान सीतानाथ ने शक्तिनगर के अपने साथी दीपक सिंह (52) के रूप में की। वह मूलतः वाराणसी का रहने वाला है। पुलिस ने उसे भी हिरासत में ले लिया। दोनों आरोपितों ने पूछताछ में कबूल किया कि वे दुकान किराए पर लेकर साथ मिलकर वेंडिंग का काम करते हैं। ई-स्टांप, मैनुअल स्टांप और रबर मोहरों को फर्जी हस्ताक्षर और स्टांप लगाकर बेचते थे। आरोपियों के आपराधिक इतिहास की जानकारी अन्य जिलों से भी जुटाई जा रही है।
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