फतेहपुर में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने शुक्रवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक महिला का हिजाब खींचने और उत्तर प्रदेश में हुई कथित अमानवीय घटनाओं के विरोध में किया गया। कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेजा। AIMIM के यूथ जिलाध्यक्ष कासिम सिद्दीकी ने इस घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा डॉ. नुशरत परवीन का नक़ाब खींचना न केवल एक महिला का अपमान है, बल्कि देश की संस्कृति और संवैधानिक मूल्यों पर भी हमला है। सिद्दीकी ने आरोप लगाया कि मंत्री संजय निषाद और गिरिराज सिंह जैसे नेताओं ने इस कृत्य का बचाव किया, जो और भी शर्मनाक है। उन्होंने इसे पूरे देश की महिलाओं के सम्मान का मुद्दा बताया। सिद्दीकी ने बिहार के नवादा में अतहर हुसैन की मॉब लिंचिंग और कानपुर देहात के अकबरपुर मेडिकल कॉलेज में आठ माह की गर्भवती रुखसार के पेट पर लात मारने जैसी घटनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने इन घटनाओं को अमानवीय और निंदनीय बताते हुए कहा कि धर्म और जाति के नाम पर हो रही हिंसा देश को शर्मसार कर रही है और इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने मांग की कि ऐसे नेताओं और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। उनका कहना था कि ऐसा करने से भविष्य में कोई भी व्यक्ति महिलाओं के सम्मान या मानवता के खिलाफ ऐसा कृत्य करने का साहस नहीं कर पाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए, तो ऐसे अपराध बढ़ते जाएंगे। इस प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष एडवोकेट मोहिउद्दीन फारूकी, यूथ जिलाध्यक्ष कासिम सिद्दीकी, मो. साजिद, मो. अहमद, मो. वसीम, आमिर अली, अताउल्ला और चांदबाबू सहित बड़ी संख्या में AIMIM के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे। सभी ने नारेबाजी करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
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