फतेहपुर जनपद में लेखपाल सुधीर कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद प्रदेशभर के लेखपालों में आक्रोश है। इसी क्रम में, शुक्रवार को उन्नाव की विभिन्न तहसीलों पुरवा, सफीपुर, सदर सहित अन्य मुख्यालयों पर लेखपालों ने कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ के आह्वान पर आयोजित किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में लेखपालों ने भाग लिया। धरना स्थल पर उपस्थित लेखपालों ने सरकार और प्रशासन से मृतक लेखपाल सुधीर कुमार के परिजनों को सरकारी नौकरी देने की मांग की। उन्होंने परिवार को आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। इसके साथ ही, लेखपालों ने मृतक के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की भी मांग की। धरने में शामिल लेखपालों ने शासन द्वारा लागू किए गए SIR अभियान की तिथि बढ़ाने की भी मांग उठाई। उनका कहना था कि अभियान की वर्तमान समय-सीमा कम होने के कारण लेखपालों पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है। इस कार्यभार वृद्धि से कई कर्मचारियों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है, जिसका उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। उन्होंने SIR की अंतिम तिथि बढ़ाकर कर्मचारियों को राहत देने की बात कही। धरना प्रदर्शन का नेतृत्व तहसील मंत्री अरुण कुशवाहा ने किया। उन्होंने कहा कि सुधीर कुमार की मौत अत्यधिक काम के बोझ और दबाव के कारण कर्मचारियों की जान जाने का एक उदाहरण है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। धरने के दौरान लेखपालों ने मृतक के लिए दो मिनट का मौन भी रखा और न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।अरुण कुशवाहा, तहसील मंत्री, लेखपाल संघ ने कहा, “हमारी मांगें पूरी होने तक धरना जारी रहेगा। मृतक के परिवार को न्याय और सुरक्षा मिलनी ही चाहिए।”
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